New Delhi : चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब 20 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है। हालांकि, भारत उनमें से 10 से 12 हजार चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है जिन्हें बीजिंग ने तेज गति वाले वाहन और हथियारों के साथ जिनजियांग में महत्वपूर्ण ठिकानों पर लगा रखा है। यह सैनिक भारतीय मोर्चे पर 48 घंटे के अंदर पहुंचने में सक्षम है।
During third senior military commander level meeting to discuss issues related to disengagement at the faceoff sites along the LAC and de-escalation from the border areas, India&China have emphasised need for an expeditious, phased & stepwise de-escalation as a priority: Sources
— ANI (@ANI) July 1, 2020
#Breaking | LAC standoff: Inside details of India-China meet.
•More meetings are likely to take place in future
•Both sides have agreed to de-escalate
•Long drawn processes are being looked at pic.twitter.com/pGeI9GM6Vl— TIMES NOW (@TimesNow) July 1, 2020
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों के दो डिविजन (करीब 20 हजार) को तैनात कर रखा है। इसके अलावा, अन्य डिविजन (10 हजार सैनिक) को उसने उत्तर-पूर्वी जिनजियांग प्रांत में मोर्चे से करीब 1 हजार किलोमीटर की दूरी पर लगा रखा है, लेकिन चीन की तरफ समतल होने के कारण वे हमारे मोर्चे पर 48 घंटे में पहुंच सकते है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय क्षेत्र के पास तैनात पीएलए के साथ ही हम सैनिकों की मूवमेंट पर भी करीबी नजर रख रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि एक तरफ जहां भारत और चीन कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर पिछले छह हफ्ते से बात करते आ रहे हैं तो वहीं मोर्चे पर चीन की तरफ से न ही सैनिकों की संख्या में कोई कटौती की गई है और न हथियारों में। सूत्रों ने बताया कि चीन अमूमन अपने दो डिविजन को तिब्बत क्षेत्र में लगाकर रखता है लेकिन इस समय उसने दो अतिरिक्त डिविजन को लगा दिया है।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने भी ठिकानों पर चौकसी कड़ी कर दी है और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कम से कम दो डिजविन को बढ़ा दिया है। इसमें एक रिजर्व माउंटेन डिविजन है, जो हर साल पूर्वी लद्दाख इलाके में युद्धाभ्यास (वॉरगेम) करते हैं। डीबीओ सेक्टर के करीब तैनात बख्तरबंद ब्रिगेड के अलावा वायु सेना द्वारा टैंक और बीएमपी -2 लड़ाकू वाहनों को भी वायु सेना की तरफ से ले जाया गया है।
पूर्वी लद्दाख को इस समय एलएसी पर तैनात तीन ब्रिगेड के साथ कारू के त्रिशुल इन्फ्रैंट्री डिविजन की तरफ से रक्षा की जाती है। सूत्रों ने बताया कि चीन की तरफ से अतिक्रमण और गलवान वैली से डीबीओ सेक्टर और कराकोरम पास इलाके तक सैन्य तैनाती के बाद भारत ने उस सेक्टर में अन्य डिविजन की तैनाती पर विचार कर रहा है।
मंगलवार भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर-स्तर की तीसरे दौर की बैठक 12 घंटे तक चली और रात के 11 बजे खत्म हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई को भारतीय सेना के सूत्रों को यह जानकारी मिली है। बैठक में भारत ने फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के क्षेत्र से चीन को तत्काल पीछे हटने को कहा है।
चीनी सेना ने LAC पर बढ़ाई अपनी तैनाती, भारत ने ब्रिगेड जितने जवानों की तैनाती की#India #China #LadakhFaceoff #PangongTso | @manjeetnegilive https://t.co/bBAi4nuLdT
— AajTak (@aajtak) July 1, 2020
भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच मंगलवार को तीसरे दौर की लंबी बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है कि भारत की तरफ से गलवान घाटी तथा अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ पैंगोंग में फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के इलाके से चीनी सेना को तत्काल पीछे हटने को कहा गया है। हालांकि सेना की तरफ से इस के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।