ट्रेन और हवाई जहाज में टिकटों की बुकिंग पर रोक लगा दी गई है।

ट्रेनों का 4 मई से भी चलना मुश्किल : रेलवे ने ट्रेनों में रिजर्वेशन को भी अगले आदेश तक बंद किया

New Delhi : रेलवे ने मंगलवार को पीएम मोदी की घोषणा के बाद बयान जारी करके कहा कि ट्रेनों में अग्रिम आरक्षण को रोक दिया गया है। रोक ई-टिकट बुकिंग पर भी है। अगले आदेश तक यह रोक रहेगी। हालांकि, ऑनलाइन टिकट कैंसिलेशन की सुविधा मिलती रहेगी। इससे पहले जब 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा हुई थी तब रेलवे ने 15 अप्रैल के बाद टिकटों की बुकिंग पर रोक नहीं लगाई थी। अब 3 मई तक न तो देश में ट्रेनें चलेंगी और न ही घरेलू या अंतरराष्ट्रीय प्लेन।
देशभर में कोरोना लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के पीएम मोदी के ऐलान के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विमानों का परिचालन 3 मई की रात 11.59 बजे तक निलंबित रहेगा। वहीं, रेलवे ने कहा कि प्रीमियम ट्रेनों, मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों, पैसेंजर ट्रेनों, सबअर्बन ट्रेनों, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे आदि सहित भारतीय रेलवे की सभी यात्री ट्रेन सेवाएं 3 मई 2020 तक रद्द रहेंगी।

रेलवे ने कहा कि 3 मई तक कैंसल ट्रेनों के टिकटों का पूरा रिफंड उन यात्रियों को स्वत: कर दिया जाएगा जिन्होंने ई-टिकट लिया है और जिन्होंने काउंटर से टिकट लिया है वे 31 जुलाई तक रिफंड ले सकते हैं। 3 मई के बाद का टिकट भी यदि यात्री कैंसल कराते हैं तो उन्हें पूरा रिफंड मिलेगा। रेलवे की ओर से कहा गया, ‘3 मई तक रद्द ट्रेनों की टिकटों का जहां तक सवाल है, ऑनलाइन बुकिंग वालों को उनके खाते में रकम भेज दी जाएगी। जिन्होंने काउंटर से टिकट लिया है वे लॉकडाउन खुलने के बाद 31 जुलाई तक रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा। यहां तक की 3 मई के बाद भी यदि कोई यात्री टिकट कैंसल कराता है तो उससे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।’
माना जा रहा है कि रेलवे ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कोरोना वायरस लॉकडाउन को भले ही 3 मई तक बढ़ाया गया है लेकिन यदि तब भी लॉकडाउन खोलने के हालात नहीं बने या ट्रेनों के संचालन की अनुमति नहीं मिली तो रेलवे को एक बार फिर यात्रियों की ओर से की गई बुकिंग को रद्द करने और रकम वापस करने की जद्दोजहद करनी पड़ेगी। लोगों को भी परेशानी से बचाया जा सकता है।

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