New Delhi : पाकिस्तान में कोरोना महामारी के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। रविवार तक यहां 1560 पॉजिटिव केस सामने आए और 14 लोगों की मौत हुई। इमरान खान सरकार प्रभावित इलाकों तक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है, लेकिन सिंध प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ खासा भेदभाव किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन की ओर से कराची में लोगों को राशन और अन्य जरूरी सामान बांटा गया, लेकिन हिंदुओं को खाली हाथ लौटा दिया गया, उनसे कहा गया कि यह राहत उनके लिए नहीं बल्कि सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए है। सिंध में हिंदुओं की आबादी करीब 5 लाख है।
सिंध प्रांत में लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों और कामगारों के लिए राशन बांटने का जिम्मा सरकार ने प्रशासन और एनजीओ को दे रखा है। यहां करीब 3 हजार लोग मदद के लिए जुटे थे। इनकी स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग के भी कोई इंतजाम नहीं किए गए। इस लिहाल से अल्पसंख्यक आबादी में संक्रमण का खतरा बना हुआ।
राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कहा है कि कराची शहर और सिंध प्रांत के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले हिंदुओं के सामने खाने-पीने के सामान का गंभीर संकट खड़ा हो चुका है। वे भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनकी मांग है कि PM Narendra Modi राजस्थान के रास्ते सिंध के हिंदुओं के लिए राशन और अन्य जरूरी सामान भेजें।
पाकिस्तान में कोरोना से निपटने के लिए 182 क्वारैंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां 8066 संदिग्ध मरीजों का इलाज और कोरोना जांच की जा रही है। रविवार को महामारी से निपटने के लिए सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने देश के अंदरूनी इलाकों में सेना तैनात करने की मंजूरी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पंजाब प्रांत में 558, सिंध प्रांत में 481, खैबर पख्तूनख्वा में 188, बलूचिस्तान में 138, गिलगित बाल्टिस्तान में 116, इस्लामाबाद में 43 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 2 पॉजिटिव केस मिले हैं।