New Delhi : शुभम गुप्ता ये वो नाम है जिसने 2018 की यूपीएससी परीक्षा में ऑलओवर 6ठवीं रैंक के साथ टॉप किया था। आमतौर पर माना ये जाता है कि ज्यादातर IAS टॉपर्स उस फैमिली बैगराउंड से आते हैं जहां उनके घर में कोई न कोई प्रशासनिक सेवा में कार्यरत होता है या फिर उनके माता पिता अच्छे खासे पढ़े लिखे होते हैं और कुछ नहीं तो ये बात तो मान ही ली जाती है कि हो न हो वो एक आर्थिक रूप से सक्षम परिवार से होगा। लेकिन टॉपर शुभम गुप्ता के साथ इन तीनों में से ऐसा कुछ भी नहीं था। उन्होंने आर्थिक संघर्ष भी देेखे और मंजिल को पाने में मिलने वाली असफलताएं भी, लेकिन हार नहीं मानी।
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— SANJAY GORA . (@TheSanjayGora) July 22, 2020
#LastMinuteTips for #UPSCpre2019
Dear Students,
We are pleased to bring you some last minute tips for the upcoming #UPSC Prelims examination on June 2, 2019 – by #Shubham_Gupta (AIR 6, UPSC CSE 2018)
Hope this video (https://t.co/PIZKaD4sXP) is helpful in clearing your doubts.
— Drishti IAS Videos (@DrishtiVideos) May 17, 2019
शुभम गुप्ता के पिता जी जूतों की दुकान चलाते थे। कभी उसी दुकान पर वो भी बैठा करते थे। आइए जानते हैं उनके सक्सेस मंत्र के बारे में।
शुभम गुप्ता मूल रूप से जयपुर के रहने वाले हैं। लेकिन पिता जी के काम के सिलसिले में उन्हें महाराष्ट्र में घर लेना पड़ा। उनकी सातवीं तक की पढ़ाई तो जयपुर में हुई लेकिन इसके बाद वो अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र आ गए। यहां उन्हें किसी भी स्कूल में पढ़ने के लिए मराठी आनी चाहिए थी, लेकिन वो मराठी नहीं जानते थे इसलिए उनका और उनकी बहन का दाखिला उनके घर से 80 किमी. दूर एक ऐसे स्कूल में कराया गया जहां उन्हें हिंदी में शिक्षा मिले। इसके लिए उन्हें रोज सुबह स्कूल जाने के लिए 5 बजे उठकर तैयार होकर ट्रैन पकड़नी होती थी और फिर ट्रैन से ही वापिस घर आना पड़ता था। वो घर में दोपहर 3 बजे तक पहुंच पाते थे।
उनकी पूरे दिन की मेहनत यहां खत्म नहीं होती थी। स्कूल से आने के बाद वो अपने पिता की जूतों की दुकान संभालते थे। उनके पिता ने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एक और दुकान खोली थी जो कि उन्होंने अपनी मौजूदा दुकान से दूर खोली थी। इसी दुकान पर शुभम स्कूल से आने के बाद बैठा करते थे। क्योंकि पिता के लिए दो दुकानों को एक साथ संभाल पाना संभव नहीं था, इसलिए शुभम ने ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। वो स्कूल से आने के बाद सीधा दुकान पर आते और ग्राहक संभालते, माल उतरवाते और हिसाब किताब भी देखते। अपनी स्कूल की पढ़ाई उन्होंने इसी तरीके से पूरी की। उन्हें दिन में पढ़ने का ज्यादा टाइम नहीं मिलता था इसलिए वो रात में समय निकालकर पढ़ाई किया करते थे। इसी तरह से उन्होंने 12वीं पास की और सिर्फ पास ही नहीं की अच्छे अंको के साथ पास की।
12वीं में अच्छे नम्बर आने से उनका दाखिला कॉलेज में हो गया। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन अर्थशास्त्र में पूरा किया। इसके बाद मास्टर्स उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पूरा किया। यूपीएससी की तैयारी उन्होंने ग्रेजुएशन से ही शुरू कर दी थी। कॉलेज पूरा होते ही 2015 में उन्होंने परीक्षा दी लेकिन वो अपने पहले प्रयास में प्री तक नहीं निकाल पाए। तैयारी के लिए वो पूरे विश्वास से भरे थे लेकिन रिजल्ट ने उन्हें बता दिया कि ये इतना आसान हीं है। उन्होंने फिर से मेहनत की और इस बार उन्हें सफलता मिल गई उनका 366वीं रैंक के साथ सिलिक्शन हो गया। लेकिन वो इस परिणाम से खुश नहीं थे। उन्हें इंडियन ऑडिट और एकाउंट सर्विस के लिए चुना गया जहां उनका मन नहीं लगा इसलिये उन्होंने तीसरी बार साल 2017 में फिर परीक्षा दी. इस साल भी उनका कहीं चयन नहीं हुआ।
We are pleased to bring you Interview Strategy by Shubham Gupta (AIR 6, UPSC CSE 2018). Hope the video is helpful in clearing your doubts.
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— Drishti IAS English (@drishtiiaseng) January 15, 2020
Watch Shubham Gupta, AIR 6, UPSC CSE 18, Toppers Meet, KSG Central Delhi, KSG Indiahttps://t.co/9Y5sqZmUEN
— Khan Study Group (@khanstudygroup) March 3, 2020
इतनी बार हार का सामने करने के बावजूद भी शुभम ने हार नहीं मानी बल्कि और दोगुनी मेहनत से उन्होंने तैयारी की। 2018 की परीक्षा में जब वो बैठे तो ये उनका चौथा प्रयास था और इस बार न सिर्फ उन्होंने परीक्षा पास की बल्कि 6ठवीं रैंक के साथ टॉप भी किया।