New Delhi : मनोज शर्मा वो नाम है जिसकी कामयाबी के किस्से रोज सोशल मीडिया पर कोई न कोई जब तब शेयर करता रहता है। उनकी कहानी रोचक होने के साथ साथ प्रेरणादायी भी है। शायद यही वजह रही कि उनके जीवन पर आधारित ‘ट्वेल्थ फेल’ के नाम से किताब भी लिखी जा चुकी है। किताब आने के बाद उनकी इस संघर्ष भरी कहानी को और भी लोकप्रियता मिली। सिविल सेवा में जाने की तैयारी कर रहा हर विद्यार्थी आज इन्हें जानता है और उनसे प्रेरित होता है। 12वीं में फेल हुआ ये लड़का आज आइपीएस अधिकारी है। मनोज आज महाराष्ट्र कैडर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
CM @Dev_Fadnavis releases a book ‘12th Fail’, written by Anurag Pathak and based on the life struggle of Manoj Kumar Sharma, IPS. pic.twitter.com/FWLL7seH4Z
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) September 12, 2019
सिविल सेवा में जाने का ख्वाब तो लगभग हर टॉपर के मन में होता है लेकिन इसकी कठिन परीक्षा के आगे कभी-कभी टॉपर्स भी नहीं टिक पाते। लेकिन मनोज शर्मा की कहानी के चर्चे इसलिए होते हैं कि उन्होंने 12वीं में फेल होने के बाद भी इस परीक्षा को न केवल देने का मन बनाया बल्कि सफलता भी हासिल की। मनोज मूल रूप से मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं। देहाती माहौल में सरकारी स्कूल में उनकी पढ़ाई हुई। शिक्षा का स्तर ऐसा था कि हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा को नकल के भरोसे ही देखा जाता था।
स्कूल में खास कोई पढ़ाई होती नहीं थी मास्टर जी अपनी इन कमियों को छिपाने के लिए ताकि स्कूल का रिजल्ट अच्छा आए नकल कराया करते थे। जैसे तैसे उन्होंने 10वीं और 11वीं पास की और 12वीं में आ गए। 12वीं की परीक्षा देने भी वे और उनके सारे साथी नकल भरोसे ही गए थे लेकिन इस बार मामला उल्टा पड़ गया। नकल की वजह से पूरे जिले में बदनाम उनके स्कूल की इस करतूत की खबर इस बार एसडीएम को लगी और वे खुद उनके स्कूल में आ धमके और जब तक परीक्षा खत्म नहीं हुई वहीं रहे। उनकी उपस्थिति से स्कूल में इस बार नकल नहीं चल पाई और पूरा स्कूल ही फेल हो गया जिसमें मनोज शर्मा भी शामिल थे।
इसके बाद उन्होंने अपने भाई के साथ ऑटो चलाया। उनके भाई के ऑटो को एक दिन पुलिस ने जब्त कर लिया जिसे छुड़ाने वो थाने पहुंचे और डीआईजी के रोब को देखकर उन्होंने वहीं फैसला कर लिया कि अब यही नौकरी करनी है। घर में पैसे की तंगी थी, खाना तक न होने का वक्त भी देखा, फिर लाइब्रेरियन कम चपरासी का काम मिला, कवियों या विद्वानों की सभाओं में बिस्तर बिछाने से लेकर पानी पिलाने का काम किया। कुछ पैसा जुटा तो तैयारी शुरू की। एसडीएम ही बनना था लेकिन तैयारी धीरे-धीरे इससे बड़ी पोस्ट की भी करने लगे।
Mr. Manoj Kumar Sharma is missing in d list sir.. so i thought to share it here. Recently a book name 'twelth fail' launched on his journey.. He is an IPS and currently working in Mumbai. pic.twitter.com/GX84ZsahgQ
— Akhilesh Pandey (@akhileshNBT) September 16, 2019
कॉलेज पहुंचे और वहां भी टॉप कर दिखाया। लेकिन मुश्किलें अभी ख़त्म नहीं हुई थीं। वह शहर ग्वालियर यूपीएससी की तैयारी करने पहुंच गए। वह बताते हैं कि आर्थिक दिक्कत थी। सड़क पर ही सो जाते थे। लोग खाना दे दें इसलिए वह भिखारियों के साथ ही सो जाते थे। आर्थिक दिक्कतों के चलते कभी कभी उन्होंने ऑटो तक चलाया। किस्मत से यहां लाइब्रेरी में काम मिल गया। कुछ रुपए आने लगे।
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प्रिय विद्यार्थियों,
15 सितम्बर 2019 को दृष्टि द्वारा 'ट्वेल्थ फेल' उपन्यास पर सेमिनार का आयोजन किया गया था।
पूरा वीडियो देखने के लिए आप इस लिंक https://t.co/52z47wD29R पर क्लिक करें।#12thFail #MrManojKumarSharma #novel #IPS #UPSC pic.twitter.com/pLJT16NfR8
— Drishti IAS Videos (@DrishtiVideos) October 17, 2019
तीन बार एग्जाम देने के बाद भी यूपीएससी में सफलता नहीं मिली। दोस्त बताते हैं कि मनोज ने बुरी तरह से असफल होने के बाद कुछ करने की ठान ली थी। इसके बाद उन्होंने पहले अटेम्प्ट में प्री क्लियर किया लेकिन दो साल तक इससे आगे नहीं बढ़े सके। फिर चौथे अटेम्प्ट में यूपीएससी की परीक्षा 121वीं रैंक के साथ पास कर आईपीएस बने। इसके बाद मनोज ने ग्वालियर से पोस्ट-ग्रैजुएशन करने के बाद पीएचडी भी पूरी की।