दिल्ली पुलिस ASI की बेटी छठी रैंक के साथ बनी IAS, अपनी परी को नम आंखों से किया सैल्यूट

New Delhi : 2019 की यूपीएससी परीक्षा जिसका परिणाम अगस्त 2020 में आया। इस साल भी इस परीक्षा में लड़कियों ने अपनी धाक जमाए रखी। रिजल्ट आने के बाद कुछ लड़कियों का नाम जो लोगों की जबान पर रहा उनमें से एक थीं विशाखा यादव जिन्होंने अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा में 6ठी रेंक हासिल की। उनके चर्चा में आने की दूसरी खास वजह थी उनके पिता का बेटी के प्रति प्यार जो कि दिल्ली पुलिस में एसआई यानी एसिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। विशाखा यादव की कहानी को लोगों ये कहते हुए शेयर किया कि आपने पुलिस में तैनात एक बाप की औलाद को अक्सर मस्ती करते हुए ही देखा है तो विशाखा यादव और उनके पिता की कहानी को भी जान लीजिए।

वास्तव में विशाखा यादव की ये कहानी पिता के अपनी बेटी के प्रति प्यार और समर्पण को दिखाती है। उनकी बेटी ने भी अपने पिता के सपने को जिम्मेदारी के साथ पूरा किया। जब विशाखा सफल रही तो दिल्ली पुलिस के पूरे महकमें ने विशाखा के पिता को बधाई दी। ये देख पिता राजकुमार यादव ने अपनी बेटी को उसकी कामयाबी के लिए नम आंखों से सैल्यूट किया।
दिल्ली की रहनेवाली विशाखा यादव की स्कूली और स्नातक की पढ़ाई दिल्ली से ही हुई है। 12वीं पास करने बाद उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने बेंगलोर में दो साल नौकरी की इस दौरान वो यूपीएससी परीक्षा की समय निकालकर तैयारी भी किया करती थीं। विशाखा के पिता का नाम राजकुमार यादव है। वह द्वारका थाने में एएसआई की पोस्ट पर तैनात हैं। परिवार का बैगराउंड सरकारी महकमें से जुड़ा होने के कारण विशाखा को भी बचपन से ही सिविल सेवाओं में जाने की प्रेरणा मिलती रही। विशाखा के आदर्श उनके पिता हैं जब वो अपने पिता को सरकारी महकमें में काम करते हुए देखती तो खुद को अपने पिता से भी बड़ा अफसर बनने के बारे में सोचती। 10वीं में ही उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें सिविल सेवा में जाना है।
नौकरी करने के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें अपने जीवन में और भी कुछ अच्छा और बड़ा करना है, जो कि नौकरी करते हुए वो संभव नहीं है। फिर उनकी तैयारी भी जॉब के साथ नहीं हो पा रही थी। वो दो बार परीक्षा में बैठ चुकी थी लेकिन दोनों ही बार असफल रही थी। फिर उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें अपने आप को पढ़ाई के प्रति पूरा समर्पित करना होगा ये सोचते हुए उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी और दिल्ली आकर परीक्षा की नये सिरे से तैयारी करने लगी। उन्होंने इस बार किसी तरह की कमी न हो इसलिए कोचिंग भी जॉइन की। उनके पिता बताते हैं कि विशाखा ने यह मुकाम तीसरी बारी में पाया है। पहली-दूसरी बारी में वह ढंग से पढ़ नहीं पाई थी और फिर पूरा पूरा दिन लाइब्रेरी में जाकर पढ़ती रहती थी घर भी वह रात को ही आती थी।

विशाखा की कामयाबी की खबर जब पुलिस उपायुक्त कार्यालय पहुंची तो पुलिस उपायुक्त ने न केवल उन्हें बुलाकर सम्मानित किया बल्कि कार्यालय में तैनात राजकुमार यादव की खुशी में मिठाई तक बांटी। डीएसपी ने भी उन्हें बधाई दी यही नहीं पूरी दिल्ली पुलिस ने और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी विशाखा को बधाई दी।

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