New Delhi : चीन ने पूर्वी लद्दाख में ही नहीं, बल्कि उत्तरी लद्दाख में भी भारतीय दावे वाले क्षेत्र में घुसपैठ की है। सेना की तरफ से हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन मीडिया में आई उपग्रह की तस्वीरों से साफ दिखता है कि डेप्सांग सेक्टर में चीनी सेना की उपस्थिति देखी गई है। यहां उसने कुछ स्थाई निर्माण किये हैं और तंबू भी लगाये हैं। साथ ही दो सड़कें भी बनाई हैं। एलएसी के निकट चीनी सैनिकों की उपस्थिति बढ़ी है, जिसके बाद भारत ने भी अपने सैनिक बढ़ा दिये हैं। इधर खबर है कि भारत ने भी बेहद कारगर मानेजाने वाले टैंक भीष्म को लद्दाख में तैनात कर दिया है।
#China attempts to open new front in #Ladakh's Depsang, inputs confirm movement on ground – India News https://t.co/AyaGpwea7n
— Lokman Karadag 洛克曼 (@LokmanKaradag1) June 25, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी से 30 किलोमीटर और डेप्सांग से 21 किलोमीटर दूर बड़ी संख्या में सेना तैनात की है। यहां कैम्पों में सैन्य गाड़ियां और तोप भी पहुंचने लगी हैं। चीन इस इलाके में पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 से 13 के बीच भारतीय सेना के लिए मुश्किल खड़ी करना चाहता है। वह काराकोरम दर्रे के पास के इलाकों में कब्जा करना चाहता है, ताकि उसे पाकिस्तान जाने वाले हाईवे के लिए रास्ता मिल जाये। भारत ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण को रोक दिया था। इससे पहले चीन और भारत के बीच गलवान घाटी, पैंगोग सो और हॉट स्प्रिंग्स इलाके में तनाव जारी है।
It’s not China we need to blame for “tweaking history” as you put it.
Rather, it is our PM @narendramodi, his govt, bhakts and sold-out media anchors who are arguing (as is China): “The PLA hasn’t occupied our territory, this was always a disputed area.”#ModiSurrendersToChina https://t.co/W7StjGCpnJ
— Ajai Shukla (@ajaishukla) June 25, 2020
एक सैटेलाइट इमेज से नया खुलासा हुआ है। इस हाई रेजोल्यूशन इमेज में गलवान नदी के आसपास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दोनों ओर चीनी सेना के कई निर्माण या कैम्प साफतौर पर दिखाई दिये हैं। रिपोर्ट्स में इस दावे से जुड़ी तस्वीर जारी की गईं। रिटायर्ड मेजर जनरल रमेश पधी ने सैटेलाइट इमेज पर कहा कि चीन ने गलवान घाटी में पूरी प्लानिंग के साथ सेना की गाड़ियां और साजो-सामान जमा कर लिया था ताकि वह लंबे समय तक यहां डटा रहे।
Here is the list of recent intrusion/buildup by China as per satellite images:
Depsang Plains
Pangong Tso
Galwan Valley
Gogra Hot Springs
Dibang Valley
Chushul
Demchok
ChumarIndia battling with two China originated Virus – Corona & Territorial Expansionism.
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) June 25, 2020
गलवान घाटी में हुये एक तरफ चीन से तनाव कम करने को लेकर सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएं चल रही हैं, वहीं यह नया खुलासा चिंता पैदा करता है। सूत्रों का कहना है कि ये तस्वीरें जून महीने की हैं तथा इसके बाद भारतीय सेना ने भी अपनी उपस्थिति उस इलाके में बढ़ा दी है। बड़े पैमाने पर भारतीय सुरक्षा बलों की वहां मौजूदगी है। सूत्रों के अनुसार डेप्सांग सेक्टर दौलतबेग ओल्डी से पूर्व की दिशा में है तथा लद्दाख का यह उत्तरी इलाका है।
@PMOIndia पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में LAC पर अभी भारत और चीन के बीच तनाव (India China Standoff) कम भी नहीं हुआ था कि ड्रैगन ने अपनी नई चाल चल दी. चीन ने अब उत्तरी लद्दाख के डेपसांग (Depsang plains) में अपनी फौज की तैनाती बढ़ा दी ह। मोदी जी आप से जो उम्मीद था बो आज जाने लगा। pic.twitter.com/dy9Y4k6VUl
— Dhiman Bhattacharjee (@DhimanB40466486) June 25, 2020
रणनीतिक रूप से यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है। डेप्सांग में भी एलएसी स्पष्ट नहीं है तथा इस जगह को लेकर भारत और चीन के अपने-अपने दावे हैं। यह करीब 20 किलोमीटर का क्षेत्र है। इस इलाके में दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करती हैं लेकिन पूर्व के समझौतों के तहत किसी को भी स्थाई निर्माण बनाने की अनुमति नहीं है लेकिन चीन ने निर्माण कर समझौते का उल्लंघन किया है। गश्ती दल की राह में भी बाधा पहुंचाई। सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में चीन की तरफ से इस क्षेत्र में भारतीय गश्ती दल की राह में भी बाधा पहुंचाई गई।
Opinion: Chinese military has not released any information about the deceased, this is an expedient move with the aim of not irritating public opinion in the two countries, especially in #India. This is Beijing's goodwill. https://t.co/2ugyIiyqOD pic.twitter.com/0LssVihbvW
— Global Times (@globaltimesnews) June 24, 2020
ये घटनाएं 22 जून से पहले की हैं। बता दें कि 22 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से तनाव कम करने पर सहमति हुई है, लेकिन यह टकराव का नया मोर्चा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि एलएसी के निकट चीनी सेना की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है।