भारत की चीन को दो टूक- अगर चाहते हो संबंध ठीक रहे तो सीमा पर खुद भी शांत रहो, हमें भी रहने दो

New Delhi : भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर लंबे समय से तनातनी की स्थिति बनी हुई है। कुछ स्थानों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन अब भी वहां स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। भारत ने आज कहा – दोनों पक्ष सीमा पर जल्दी से जल्दी शांति बहाल करने के लिये सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर लगातार बात कर रहे हैं।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा – दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिये सीमा पर शांति जरूरी है। दोनों पक्ष इस बात को बखूबी जानते हैं और इसके समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा – 6 जून को दोनों देशों के बीच हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता का हिस्सा थी। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों के नेताओं की भावना के मुताबिक जल्दी से जल्दी इस मुद्दे का समाधान निकाला जायेगा।

 

पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के सेनाओं के बीच पिछले महीने की शुरुआत से गतिरोध चल रहा है। इसके समाधान के लिए 6 जून को दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिये दोनों देशों के बीच यह पहली बड़ी कोशिश थी। इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था। इससे पहले भी स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 राउंड बातचीत हो चुकी थी।

 

इस बातचीत में भारत ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी, पैंगोंग सो और गोगरा में पहले की स्थिति बहाल करने की सख्ती से मांग की थी। चीन ने सीमावर्ती इलाकों में भारत द्वारा किए जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में वहां अपने सैनिक तैनात कर दिए थे। भारत ने भी बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को सीमा पर तैनात कर दिया था।

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