New Delhi : भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर लंबे समय से तनातनी की स्थिति बनी हुई है। कुछ स्थानों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन अब भी वहां स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। भारत ने आज कहा – दोनों पक्ष सीमा पर जल्दी से जल्दी शांति बहाल करने के लिये सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर लगातार बात कर रहे हैं।
Both sides are maintaining their military & diplomatic engagements to peacefully resolve the situation at the earliest to ensure peace and tranquillity in the border areas: Anurag Srivastava, MEA Spokesperson on India-China border issue pic.twitter.com/Rm3ASXbHIj
— ANI (@ANI) June 11, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा – दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिये सीमा पर शांति जरूरी है। दोनों पक्ष इस बात को बखूबी जानते हैं और इसके समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा – 6 जून को दोनों देशों के बीच हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता का हिस्सा थी। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों के नेताओं की भावना के मुताबिक जल्दी से जल्दी इस मुद्दे का समाधान निकाला जायेगा।
Peace along border is essential for further development of bilateral ties: MEA on eastern Ladakh border row
— Press Trust of India (@PTI_News) June 11, 2020
It was agreed during June 6 meeting that early resolution of situation will be in keeping with guidance of our leaders: MEA on Ladakh row
— Press Trust of India (@PTI_News) June 11, 2020
पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के सेनाओं के बीच पिछले महीने की शुरुआत से गतिरोध चल रहा है। इसके समाधान के लिए 6 जून को दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिये दोनों देशों के बीच यह पहली बड़ी कोशिश थी। इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था। इससे पहले भी स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 राउंड बातचीत हो चुकी थी।
India and China are engaged in talks to resolve issue: MEA on border standoff in eastern Ladakh
— Press Trust of India (@PTI_News) June 11, 2020
इस बातचीत में भारत ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी, पैंगोंग सो और गोगरा में पहले की स्थिति बहाल करने की सख्ती से मांग की थी। चीन ने सीमावर्ती इलाकों में भारत द्वारा किए जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में वहां अपने सैनिक तैनात कर दिए थे। भारत ने भी बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को सीमा पर तैनात कर दिया था।