New Delhi : Uttar Pradesh में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने वालों से सरकार रिकवरी करेगी। केबिनेट की बैठक में Uttar Pradesh Recovery Public and Private Property Ordinance को मंजूरी दे दी है। लखनऊ में CAA को लेकर हुए प्रदर्शन औरहिं’सा के बाद इसमें शामिल प्रदर्शनकारियों के पोस्टर सरकार ने सड़कों पर चस्पा किए थे। इसको लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट नेUP सरकार से पूछा था कि वसूली के लिए सड़क पर होर्डिंग किस नियम के तहत लगाए हैं। उम्मीद है कि इसकी नियमावली में इसकाप्रावधान किया जा सकता है।
लखनऊ में शुक्रवार को लोकभवन में Yogi Adityanath की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 30 प्रस्तावों को पास किया गया।सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश रिकवरीपब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपटी अध्यादेश पारित किया गया है। किसी भी आंदोलन व धरना प्रदर्शन में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसानपहुंचाने पर उसकी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इसी अध्यादेश के तहत की जाएगी।
Uttar Pradesh cabinet has passed Recovery of Damage to Public Properties ordinance for recovery of damage during violent protests.
— ANI UP (@ANINewsUP) March 13, 2020
कैबिनेट में पारित हुए अध्यादेश को अब राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद ही यह जारी होगा।इस अध्यादेश के पारित होने के बाद सरकार इसकी नियमावली बनाएगी और उसे अगले विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तरप्रदेश में अभी तक इस तरह का कोई विधेयक या कानून नहीं था जिसकी मदद से सम्पत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों सेकी जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा के आरोपियों के पोस्टर के हटाने के फैसले पररोक लगाने से इनकार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 मार्च को दिए हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।गुरुवार को जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने योगीसरकार से पूछा था– किस कानून के तहत आरोपियों के होर्डिंग्स लगाए गए हैं। अब तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जो इसकी इजाजतदेता हो। इस मामले में अगले हफ्ते नई बेंच सुनवाई करने वाली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने की कार्रवाईको निजता में गैर जरूरी हस्तक्षेप करार दिया था। इस बीच योगी सरकार ने अपने कदम बढ़ाते हुए इस अहम अध्यादेश को मंजूरी प्रदानकी है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 19 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के 27 आरोपियों प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट भी लगायाहै। ये सभी उन 57 लोगों में शामिल हैं, जिनके फोटो वाले होर्डिंग वसूली के लिए शहर में लगाए गए थे। लखनऊ के एडीसीपी पश्चिमीविकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 19 दिसंबर को ठाकुरगंज क्षेत्र में हिंसक भीड़ ने चौकी फूंकी थी और पथराव किया था। इस मामले के27 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। सभी के नाम कोर्ट में भेज दिए गए हैं।