New Delhi : के जयगणेश आज भारतीय सिविल सेवा यानी आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन अधिकारी बनने के कुछ साल पहले ही वो एक होटल में लोगों को खाना परोसने वाले वेटर के तौर पर काम करते थे। यही नहीं उन्होंने अपनी पढ़ाई और घर खर्च चलाने के लिए सिनेमाघर में टिकट काटने का भी काम किया। उनका आईएएस अधिकारी बनने का सफर काफी अलग और संघर्ष भरा रहा। जब होटल मालिक को खबर हुई कि यहां काम करने वाला लड़का आईएएस हो गया है तो होटल मालिक खुद उनके घर मिठाई लेकर पहुंचे और उन्हें आगे लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2016 में सातवें प्रयास में पास की जो कि उनके दृढ़ संकल्प को दिखाता है। परीक्षा में उन्हें 156वीं रेंक प्राप्त हुई। सातवे प्रयास तक वो डटे रहे और कहते रहे कि जब तक तोड़ंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं।
Born into a poor family in a Tamil Nadu village, K Jayaganesh’s incredible story proves that your hardest times often lead to the greatest moments of your life!
A TN Man’s Inspiring Journey From Waiter to IAS Officer. A big salute to his GRIT. @IASassociation pic.twitter.com/HWOyAmztzI— Rahul Agarwal (@agrrahul7) September 22, 2018
Waiter to an #IAS Officer!K Jayaganesh passed with a rank of 156 & has been selected for the IAS after failing 6times pic.twitter.com/msuFZQm0W2
— The Unique Academy (@TheUniqueAcadmy) April 10, 2014
के जयगणेश तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनके परिवार में चार भाई बहनों में वे सबसे बड़े थे इसलिए घर खर्च चलाने का जिम्मा जल्द ही इनके ऊपर आ गया। उनके पिता एक लेदर फेक्ट्री में सुपरवाईजर के तौर पर काम करते थे जहां उन्हें 4500 रुपये मिलते थे। जिससे इस बड़े परिवार का घर खर्च चलाना संभव नहीं था। यही कारण रहा कि उन्होंने पढ़ाई करने के दौरान काम भी किया। इसके बाद भी जयगणेश ने पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। वो पढ़ने में शुरू से ही अव्वल थे। वो हर क्लास में फर्स्ट आते थे। 10वीं में उन्होंने टॉप किया और 12वीं 91वे प्रतिशत अंकों के साथ पास की। इतने अंक उस समय उनके आस पास के किसी भी गांव में कोई नहीं ला पाया था। इसके बाद उन्होंने इंजीनीयरिंग में जाने का फैसला किया और मैकेनिकल इंजीनीयर में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्हें एक 25 हजार रुपये की नौकरी भी मिल गई।
नौकरी लगने के बाद कुछ सालों तक उन्होंने नौकरी ही की क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं थी कि वो और आगे पढ़ने की सोचे। कुछ सालों तक नौकरी करने के बाद उनका मन इस नौकरी से उचटने लगा। वो सरकारी नौकरी पाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सी और ग्रुप डी तक की नौकरी के लिए आवेदन करना शुरू किया। इसी दौरान उन्हें यूपीएससी परीक्षा को गहराई से जानने का मौका मिला और उन्होंने इसकी तैयारी नौकरी करते हुए ही शुरू कर दी। लेकिन इस तैयारी से वो दो साल तक प्री भी क्लियर नहीं कर पाए। अब उन्हें मालूम हो गया था कि अगर इस परीक्षा को क्लियर करना है तो अपना 100 प्रतिशत देना होगा। उन्होंने नौकरी छोड़ दी और तैयारी करने में जुट गए इस दौरान उन्हें मालूम हुआ कि इस परीक्षा के लिए मार्गदर्शन बेहद जरूरी है इसलिए वो कोचिंग के लिए चेन्नई चले गए। तैयारी के दौरान कमाए हुए सब पैसे भी खर्च हो गए। इसलिए उन्होेंने चेन्नई में रहते हुए ही एक होटल में वेटर के तौर पर काम किया। दिन के 6 घंटे वो काम करते बाकी वक्त वो अपनी कोचिंग और पढ़ाई में लगाते।
इसी तरह का एक दूसरा पार्ट टाईम काम उन्होंने सिनेमा हॉल में टिकट काटने का किया। अपनी पढ़ाई के लिए उन्होंने किसी तरह के कोई भी काम करने के लिए शर्म नहीं की। इधर वो मेहनत तो कर रहे थे लेकिन सफलता को पाने से हर बार वो चूक जाते। कभी प्री, कभी मेंस तो कभी इंटरव्यू में अटक जाए। अपने छठे प्रयास में वो इंटरव्यू तक आए लेकिन लिस्ट में जगह नहीं बना पाए।
Born into a poor family in a Tamil Nadu village, K Jayaganesh's incredible story proves that your hardest times often lead to the greatest moments of your life! – https://t.co/D7k1Dlv6M5 @IASassociation pic.twitter.com/Ven8d19svL
— The Better India (@thebetterindia) September 21, 2018
वो इस दौरान सरकारी नौकरी के लिए भी आवेदन करते थे जब वो छठे प्रयास में असफल रहे तब वो एक दम टूट गए। लेकिन उन्होंने सोचा कि इतना दूर आकर वो परीक्षा के बारे में काफी कुछ जान गए हैं और उनके पास अभी आखरी प्रयास भी बचा हुआ है। इसलिए उन्होंने परीक्षा दोबारा दी और 156वी रेंक लाकर सबको चौंका दिया। उनकी ये कहानी दृढ इच्छा शक्ति और संकल्प को दिखाती। आज वो सभी आईएएस एसपीरेंट्स के लिए प्रेरणा हैं।