New Delhi : रविवार को पैरेंट्स डे था। ये जुलाई के चौथे रविवार को आयोजित किया जाता है। ये दिन माता पिता और बच्चों के बीच उनके संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए मनाया जाता है। ज्यादातर माता पिता बच्चों को समझने का उनका ख्याल रखने का केवल दिखावा करते हैं कि हमें उनकी जिम्मेदारी निभानी है। लेकिन ज्यादातर हम गलत दिशा में सोच रहे होते हैं। हम सीधा उन्हें उनके भविष्य से जोड़कर देखते हैं वो कुछ भी करता है तो हमें चिंता होने लगती है, कि इसमें इसका क्या होगा। असल में हम अपने बच्चों के बारे में इतना सोचने लग जाते हैं कि वो ही उनके लिए बोझ बन जाता है। हमारा इस तरह से सोचना बच्चों को अखरने और खटकने लगता है। जरूरत है कि बच्चों को पहले ठीक ढंग से समझा जाए, क्योंकि जिस मन से हम सोच रहे होते हैं वो बाल मन से अलग होता है और बालमनोविज्ञान एक अलग ही चीज है जिसे हमे समझना ही होगा इसी के जरिए हम बच्चों को उनके बाल मन को समझ सकते हैं।
Parents play an exceptionally important role in our overall development. The sleepless nights they invested in us and unconditional love cannot be forgotten. Today, on parents day, let's do our bit to appreciate all their efforts and love. #ParentsDay pic.twitter.com/JpLEHZ9SDr
— Next Education (@NextEducationIn) July 26, 2020
आपने कभी किसी बच्चे को देखा है? खेलते हुए, पानी में छप-छप करते हुए, कोई चित्र बनाते हुए, बाजार में बिक रही किसी मनचाही चीज पर ललचाते हुए, बच्चे कभी भी भविष्य के बारें में नहीं सोचते। वो सिर्फ जिस पल में होते हैं उसे पूरी शिद्दत से जीते हैं। जब वो कुछ खेल रहे होते हैं तो वो न घर के बारे में सोचते हैं न ही स्कूल के बारे में सिर्फ मजे से खेलते हैं। एक बच्चे ही हैं जो वर्तमान में सही तरीके से जीना जानते हैं। वर्ना तो युवा हमेशा अपनी इच्छाओं और भविष्य के बारे में सोचता रहता है, बुजुर्ग हमेशा अपनी पुरानी यादों में खोए रहते हैं और अपने जवानी के अपने बचपन के हसीन दिनों की यादों में हमेशा डूबे रहते हैं लेकिन एक बच्चा कभी अपने आगे पीछे का नहीं सोचता। वो हमेशा वर्तमान में जी रहा होता है। सवाल ये है कि जब बच्चा वर्तमान से इतना जुड़ा होता है तो बार बार हमारी चिंता की सुईं उनके भविष्य पर आकर ही क्यों रुकती है।
कितना अजीब लगता है जब ये वाक्य सुनना कि ‘बच्चे कल का भविष्य हैं’ सुन के बेचैनी सी होने लगती है। हमें ये समझना चाहिए कि बच्चे केवल और केवल वर्तमान में जीते हैं हँसते हैं, खिलखिलाते हैं जो कुछ भी करते हैं आगे-पीछे सबकुछ भूलकर एक-एक पल को डूबकर जीते हैं। आज भी बच्चों का स्वभाव उनकी प्रकृति के अनुसार है, बदला है तो हमारा उनको देखने, समझने और ट्रीट करने का तरीका।
It's #ParentsDay! We're celebrating it with some of our favorite quotes from these wise #DisneyTVA characters. Got a quote from a parent or guardian that you think belongs in this post? Share it in the replies! pic.twitter.com/REdqGVxTvT
— Disney TVA (@DisneyTVA) July 26, 2020
माता पिता को बच्चों से बच्चा बनकर ही पेश आना चाहिए उनके छोटे छोटे प्रयासों को समझना चाहिए उनकी अभीरुचि को समझते हुए उसके अनुरूप वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे के भीतर बच्चा ही रहे कोई बूढ़ा मन नहीं। आज हमने बच्चों पर अपनी इच्छाओं को इस कदर लाद दिया है कि उसकी जिंदगी स्कूल से घर और घर से स्कूल तक ही सीमित हो गई है। हमें अगर बच्चों को समय से पहले बूढा होने से पहले बचाना है तो हमें उनके साथ समय बिताना होगा उनके मन को समझना होगा।