New Delhi : अमेरिका पिछले काफी समय से भारत का हर मसले पर समर्थन करता आ रहा है। खासकर चीन के साथ भारत का जो तनाव हुआ उसमें अमेरिका का समर्थन कुछ अलग तरह का था। अमेरिका हमेशा कहता रहा कि भारत ने कुछ नहीं किया और चीन ने उकसावे की कार्रवाई की। अब ऐसे में फिर से वहां के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आज कहा – भारत अमेरिको का एक महत्वपूर्ण साझेदार है। उन्होंने इस प्रश्न पर कि क्या अमेरिका भारत को एक बढ़ते हुये महत्वपूर्ण सैन्य और व्यापार साझेदार के रूप में देखता है, पर कहा – मेरे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। हमने कई अहम मुद्दों पर व्यापक बात की है। हमने उस विवाद पर बात की है जो सीमा पर चीन के साथ हाे रहा है। चीन क्या कर रहा है वहां पर हमें पता है।
They are an important partner. I've a great relationship with my counterpart, we talk frequently abt a broad range of issues. We talked about the conflict they had along their border with China: Mike Pompeo on if US considers India an increasingly important military&trade partner pic.twitter.com/cQmxMpXYxg
— ANI (@ANI) July 15, 2020
एक कार्यक्रम में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा- आपने देखा होगा कि भारत ने देश को सर्वोपरि मानते हुये और राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहद अहम मानते हुये मोबाइल फोन के कई चीनी सॉफ्टवेयर पर प्रतिबंध लगा दिया। अब ऐसे में पूरी दुनिया इस चुनौती के खिलाफ एकजुट हो रही है जिसका सामना हम लोकतंत्र में करते हैं। दुनिया के सारे स्वतंत्र देश राष्ट्रीय सुरक्षा की इन चुनौतियों को मिल कर पीछे करने में जुटे हुये हैं। बताते चलें कि हाल ही में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। यही नहीं इस ऐप्स की कंपनियों से 77 सवालों की प्रश्नोत्तरी भी थमाई गई है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों पर जवाब मांगा है।
इससे पहले भारत-चीन विवाद को लेकर पोम्पियो ने कहा था – चीन की आक्रामक गतिविधियों का भारतीयों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब दिया है। चीन की क्षेत्रीय विवादों को उकसाने की प्रवृत्ति रही है और दुनिया को यह धौंस चलने नहीं देनी चाहिये। मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस बारे में कई बार बात की। चीन ने अत्यंत आक्रामक गतिविधियां संचालित की हैं। भारतीयों ने उनका जवाब भी शानदार तरीके से दिया है।
You saw their(India) decision to ban many Chinese software firms from operating software on mobile phones in their country. The whole world is coalescing around challenge we face in democracies that free nations of the world will push back on these challenges together:Mike Pompeo
— ANI (@ANI) July 15, 2020
अमेरिकी विदेश मंत्री खुले तौर पर चीन के विरोध में बयान देते आ रहे हैं। पहले कोरोना वायरस को लेकर उन्होंने और राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन की आलोचना की जो अभी भी जारी है। इसके साथ ही दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व पर भी वह सवाल उठाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था – दुनिया रणनीतिक रूप से अहम दक्षिण चीन सागर को चीन के समुद्री साम्राज्य के तौर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा।
अमेरिका और चीन में विभिन्न मुद्दों पर वाक् युद्ध के बीच ट्रंप ने मंगलवार को कहा – चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की उनकी कोई योजना नहीं है। ट्रंप ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा – मैंने उनसे बात नहीं की है। उनसे बात करने की मेरी कोई योजना नहीं है।
China should remember that when it strikes back at aggression and provocation from the US, it should prevent adventurism and overconfidence; when it negotiates to ease tensions or have cooperation, it should prevent an appeasement policy: expert https://t.co/w9p7HTc8JI pic.twitter.com/mgNelPVuYL
— Global Times (@globaltimesnews) July 15, 2020
इस दौरान कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा- इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम संक्रमण को छिपाने और इसे दुनियाभर में फैलाने के लिये चीन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हैं। इसे रोका जा सकता था। उन्हें इसे रोकना चाहिये था।