New Delhi : Lucknow गुरुवार को एक शानदार और अनूठी शादी का गवाह बना। बेटियों को बराबरी का दर्जा देने का संदेश लेकरनई परंपरा की शुरुआत हुई। दुल्हन रचना रथ पर सवार होकर अपनी बरात लेकर विवाह स्थल पहुंची। इसमें किसी एक पक्ष का सिरऊंचा करने के बजाय, दोनों को बराबरी का सम्मान देने की पहल की गई।
एक ओर से रचना रथ पर सवार होकर आई और दूसरी तरफ से दूल्हा रूपेश बग्घी पर आया। फिर दोनों का द्वार पर स्वागत कर प्रवेशकराया गया। विवाह का आयोजन रामाधीन सिंह उत्सव लॉन में हुआ। रचना बाबूगंज चौराहे से और दुल्हा रूपेश आईटी कॉलेज चौराहेसे बरात लेकर एक ही समय पर विवाह स्थल पहुंचे।
दुल्हन के पिता राजेश कुमार विद्यार्थी ने मेहमानों को इस तरह की शादी के बारे में नहीं बताया था। ऐसे में लोग दुल्हन का इंतजार अंदरवैवाहिक स्थल पर कर रहे थे। पर जब सच्चाई लोगों को पता चली तो आश्चर्य के साथ सभी ने खुशी जताई और फूलों की वर्षा करउनका स्वागत किया।
रचना के पिता राजेश वकील और रूपेश के पिता रामलाल सेंट्रल बैंक में हेड कैशियर हैं। राजेश ने कहा, मुझे हमेशा नागवार गुजरता किलड़का तो हाथ में तलवार लेकर घोड़े पर आए। यह भाव कहीं न कहीं वर पक्ष को सबसे ऊपर दिखाता है।
रूपेश और रचना का रिश्ता तय होने से पहले रामलालजी से बात की और मंशा जताई तो वे फौरन राजी हो गए। रामलाल ने कहा किबहू भी तो बेटी है, आत्मसम्मान से जीना उसे हम बड़ों को ही सिखाना होगा। रचना और रूपेश ने कहा कि हम भी अपनी संतानों को इसी तरह की सोच देने की कोशिश करेंगे। हमें गर्व है कि एक नई शुरुआत हमसेहुई।