शिवराज बोले- रावण की लंका जलानी है तो विभीषण की जरूरत होती है…और अब सिंधिया जी हमारे साथ हैं

New Delhi : BJP में शामिल होने के बाद Jyotiraditya Scindia ने गुरुवार को भोपाल में पहला रोड शो किया। इसके बाद वे भाजपाकार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सिंधिया से पहले माइक पर पूर्व मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chauhan थे, जिन्होंने Kamalnath सरकार पर तंज कसते हुए रामायण सुना दी। शिवराज ने कहा कि अगर लंका पूरी तरह जलानी हो तो विभीषणकी जरूरत होती ही है और अब तो सिंधियाजी भी हमारे साथ हैं। शिवराज के इस बयान को सिंधिया के मंदसौर गोलीकांड पर दिए गएबयान से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने शिवराज के इस बयान को सिंधिया का अपमान भी बताया है।

शिवराज ने कहाकमलनाथ ने मध्य प्रदेश में तबाही मचाई। अगर वे ठीक से राज चलाते तो हम सड़कों पर नहीं उतरते। आज हमसंकल्प लेते हैं, जब तक कमलनाथ सरकार की पाप, अत्याचार, अन्याय, भ्रष्टाचार और आतंक की लंका को जलाकर राख नहीं कर देते, चैन से नहीं बैठेंगे। चैन की सांस नहीं लेंगे। लेकिन, रावण की लंका अगर पूरी तरह जलानी है तो विभीषण की जरूरत होती है मेरे भाईऔर अब सिंधियाजी हमारे साथ हैं। मिलकर लड़ेंगे, इनको धराशायी करेंगे।

सिंधिया ने दो दिन में दो बार मंदसौर गोलीकांड का जिक्र किया। मंदसौर गोलीकांड को लेकर कांग्रेस अक्सर भाजपा पर हमला बोलतीरहती है। सिंधिया ने बुधवार को भाजपा में शामिल होते वक्त और गुरुवार को रोड शो के बाद दिए भाषण में मंदसौर गोलीकांड का जिक्रकिया था। उन्होंने कहाकिसानों पर लगे केस वापस नहीं लिए गए। यह वादा कांग्रेस ने किया था, जिसे निभाया नहीं गया। जब मैंनेसड़कों पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा गया कि उतर जाएं।

सिंधिया ने अपने भाषण में शिवराज की तारीफ की। उन्होंने कहादल अलग हो सकते हैं, राजनीतिक रंग अलग हो सकता है, मतभेद होसकते हैं, लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच कभी मनभेद नहीं होना चाहिए। विपक्ष में बैठकर भी शिवराज सिंह जैसा समर्पित और जनताके प्रति सबकुछ न्योछावर करने वाला कार्यकर्ता शायद ही इस देश और प्रदेश में होगा। कई लोग कहेंगे कि सिंधियाजी आप आज येबात बोल रहे हो। एक या दो मौकों पर जब हम साथ में थे, तब मैंने खुले में भी कहा है। मैं संकोच करने वाला व्यक्ति नहीं हूं, खुले में भीकहता हूं। प्रदेश में दो नेता हैं, जो अपनी गाड़ी में एसी नहीं चलाते। केवल ज्योतिरादित्य और शिवराज सिंह। आप एक हैं और हम एकहैं। जब एक और एक मिल जाएं तो दो नहीं, ग्यारह होने चाहिए।

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