New Delhi : पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीन दोनों ही देशों के सैनिकों की जान गई। लेकिन चीन में सैनिकों और उनके परिवार का सम्मान तो दूर की बात जनता को उन सैनिकों के नाम तक नहीं बताये गये हैं जिनकी जान लड़ते हुये गई है। भारत की तरह ही अब चीनी भी अपने सैनिकों के सम्मान की मांग कर रहे हैं। चीनी सैनिकों के परिवारों को शांत करने की कोशिश करते हुए ड्रैगन ने कहा दिया है – बाद में बतायेंगे।
We salute our martyrs for their bravery and their sacrifice. It is nothing but foolish on the part of the Modi govt to send our soldiers without arms to fight against the Chinese Army: Shri @tarun_gogoi #SpeakUpForOurJawans pic.twitter.com/lesFT2ghOu
— Congress (@INCIndia) June 26, 2020
सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने एक लेख में लिखा- सेना में जान गंवानेवाले को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। समाज को बाद में सही समय पर सूचना दी जायेगी ताकि हीरोज का सम्मान हो और उन्हें याद रखा जाये, जिसके वे हकदार हैं।
यह वैचारिक आलेख उस वीडियो के सामने आने के दो दिन बाद लिखा गया है, जिसमें पीएलए के जान गंवानेवाले सैनिकों के परिजन आक्रोश प्रकट करते हुये भारत की तरह सम्मान मांग रहे थे। उन्होंने कहा – भारत में सैनिकों का बहुत सम्मान होता है, लेकिन यहां ना तो कोई सम्मान दिया जाता है और ना ही पहचान दी जाती है।
हालांकि, ग्लोबल टाइम्स ने यह स्वीकार किया है कि 15 जून को चीनी सैनिकों की भी जान गई, लेकिन उनकी संख्या 20 से कम होने का दावा किया गया। चीन की सरकार अभी तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुये है। वह देश को यह भी बताने को तैयार नहीं हैं कि कितने सैनिकों की जान गई है।
We urge the Indian side to conduct a thorough investigation, hold the violators accountable, strictly discipline the frontline troops and immediately stop all provocative acts to ensure such incidents will not occur again: Ambassador Sun https://t.co/aouHcF1K2j
— Global Times (@globaltimesnews) June 25, 2020
हू ने लिखा- अभी तक चीनी सेना ने उन सैनिकों के बारे में कोई सूचना नहीं दी है जिनकी जान 15 जून को गई। मैं समझता हूं कि यह आवश्यक कदम है, जिसका उद्देश्य दो देशों की जनता की भावनाओं को नहीं भड़कने देना है। उन्होंने हमले में चीन के जाच गंवानेवाले सैनिकों की संख्या 40 होने संबंधी दावों को खारिज किया।