New Delhi : कोरोना वायरस का इलाज रूसी वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है। मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा करते हुये बताया- कोराना वायरस का पहला टीका विकसित कर लिया गया है। इससे कोरोना के खिलाफ स्थाई रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जा सकती है। पुतिन ने कहा – टीके का सबसे पहला इस्तेमाल उनकी बेटी पर किया जा चुका है। कोरोना वायरस की वैक्सीन को रूस की सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी मुहर लगा दी है।
#WATCH: If Russia's vaccine is successful, then we will have to see critically whether it is safe and effective… India has the capacity for mass production of vaccine: AIIMS Director Randeep Guleria on Russia claiming to have developed vaccine for #COVID19 pic.twitter.com/4LDkXPyLGx
— ANI (@ANI) August 11, 2020
वैक्सीन का निर्माण मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस का आधार बनाकर तैयार किया है। रूसी वैज्ञानिकों का कहना है – इस सफलता के पीछे पिछले 20 साल की मेहनत है। टीके में जो पार्टिकल्स का इस्तेमाल किया गया वह खुद को कॉपी या रेप्लीकेट नहीं कर सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा- इस सुबह दुनिया में पहली बार, नये कोरोना वायरस के खिलाफ टीका तैयार कर लिया गया है। उन्होंने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद दिया है। पुतिन ने कहा- टीका उनकी दोनों बेटियों को भी लगाया गया है। दोनों ठीक महसूस कर रही हैं।
वैक्सीन को लेकर जहां एक तरफ लोगों में उत्साह दिख रहा है तो वहीं दुनियाभर के वैज्ञानिक एकमत दिखाई नहीं दे रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों की एक लोकल एसोसिएसशन ने चेतावनी देते हुये कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल के बगैर इसके प्रयोग की अनुमति देना खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन भी वैक्सीन को लेकर एकमत नहीं दिखाई दे रहा है।
WHO wants to review Russian vaccine safety data
President Vladimir Putin said Russia had become the first country to approve a vaccine offering "sustainable immunity" against the new coronavirus
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— The Times Of India (@timesofindia) August 11, 2020
वैक्सीन का नाम स्पुतनिक-वी दिया है। यूएसएसआर ने दुनिया को हैरान करते हुये साल 1957 में ‘स्पुतनिक-1’ उपग्रह लांच किया था। रूस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है। रूस के प्रत्यक्ष निवेश निधि के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने कहा कि इस वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक के लिये 20 देशों से ऑर्डर मिल चुके हैं। चार देशों में अपने सहयोगियों के साथ रूस हर साल इसकी 50 करोड़ खुराक बनायेगा। उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिकी, पश्चिम व दक्षिणी एशियाई देशों ने इस टीके को खरीदने में रुचि दिखाई है और कई कांट्रैक्ट भी किये जा चुके हैं।