उत्तर प्रदेश में आने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा इंसेंटिव और कैपिटल सब्सिडी देने पर भी विचार किया जा रहा है।

CM योगी का आदेश – जो 5 लाख मजदूर बाहर से आये हैं उनको यहीं रोजगार दो, इकॉनोमी मजबूत करो

New Delhi : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि पिछले 45 दिनों में देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस पहुंचे लगभग पांच लाख श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाये। इसके लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। यह समिति श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर अफसरों के साथ लॉकडाउन की समीक्षा की। पांच लाख श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी में प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव एमएसएमई और प्रमुख सचिव कौशल विकास को शामिल किया गया है। यह समिति ओडीओपी के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से लोन मेले आयोजित करेगी। ताकि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें।

मजदूरों का पलायन व्यापक पैमाने पर हुआ लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही। सभी अपनी गांव घर गये।

समिति सुझाव देगी कि रोजगार के ज्यादा अवसर कैसे सृजित किए जाएं। समिति एमएसएमई के तहत विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर सृजित करने की संभावना भी तलाशेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने रिवॉल्विंग फंड में बढ़ोत्तरी की है। इससे महिला स्वयंसेवी समूहों को सिलाई, अचार व मसाला बनाने जैसे रोजगार उपलब्ध कराए जाएं। महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों की मार्केटिंग ओडीओपी के माध्यम से की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के चलते ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वालों, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार, रेलवे कुली, दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार इसके प्रति अत्यंत संवेदनशील है। इन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रत्येक जिले में पुष्टाहार पहुंच चुका है। बच्चों, किशोरियों, कन्याओं, गर्भवती माताओं के लिए पुष्टाहार की डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए। उद्योगों को सशर्त अनुमति दी जाए। सीएम योगी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में कोरोना के 10 से ज्यादा पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए हैं, उन्हें अभी न खोला जाए। उन्होंने इस पर खास जोर दिया कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाए, जो जहां है वह वहीं रुके। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग अनिवार्य रूप से कराने के भी निर्देश दिए। कहा कि प्रत्येक जिले में कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ को पीपीई, एन-95 मास्क व अन्य मेडिकल उपकरण हर हाल में उपलब्ध कराए जाएं।

कोरोना को हराने की खुशी : सांकेतिक तस्वीर

मुख्यमंत्री ने कोरोना संदिग्धों के लिए शेल्टर होम तैयार स्थिति में रखने के निर्देश दिए। कहा कि बाहर से आने वालों को हर हाल में क्वारंटीन किया जाए। इस संबंध में आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। अन्य सभी लोग मुंह ढंकने के लिए मास्क, गमछे, दुपट्टे इत्यादि का प्रयोग करें। उन्होंने अपर मुख्य सचिव राजस्व को निर्देश दिए कि सभी शेल्टर होम नियमित रूप से सैनिटाइज किये जाएं। कम्युनिटी किचन का संचालन सावधानी से किया जाए। उन्होंने प्रशासन की देखरेख में ही भोजन वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी व धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं में पर्याप्त भूसे व चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी आदि उपस्थित थे।

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