New Delhi : देश को आईएएस अफसर देने वाली यूपीएससी परीक्षा जिसे हर साल लाखों युवा देते हैं लेकिन कुछ सौ ही सफल होते हैं। इस रौबदार नौकरी की गरिमा भारतीय जनमानस में अलग ही स्तर पर कायम है। यही कारण है कि इस नौकरी को हर युवा पाना चाहता है। लेकिन आईएएस बनने से पहले एक लंबी परीक्षा से आवेदकों को गुजरना पड़ता है, कई सालों की तैयारी करने के बाद भी लोग इस नौकरी को पाने से चूक जाते हैं। यही कारण है कि इसे देश की सबसे कठिनतम परीक्षाओं में शुमार किया जाता है।
इस परीक्षा में जब कोई टॉप आता है तो उसकी चर्चा रातोंरात शुरू हो जाती है। लेकिन सिविल सेवा में अक्सर लड़कियों की भागीदारी पर बात उठती रहती है। कई लोग मेरिट के बहाने से इस क्षेत्र में लड़कियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से लड़कियों ने इस परीक्षा में अपनी धाक जमाई है। उन्होंने इस परीक्षा को पास ही नहीं किया बल्कि परीक्षा में ऑल-इंडिया टॉपर बनकर सबको चौंकाया भी। आज ऐसी ही अफसर बेटियों के बारे में जानिए।
टीना डाबी- 2015 की यूपीएससी टॉपर रही टीना डाबी ज्यादा अनुभवी नहीं है लेकिन जैसे ही उन्होंने अपना पदभार संभाला तो उनके काम की काफी तारीफ हुई। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की जिम्मेदारी संभाल रही टीना के लिये तब चुनौती भरा समय आया जब देश में सबसे पहले भीलवाड़ा कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नि्हित किया गया। लेकिन टीना ने इस तरह से इस चुनौती का सामना किया कि महीने भर में ही स्थिति काबू में आ गई। इसके बाद उनका ये काम देश भर में भीलवाड़ा मॉ़डल के नाम से प्रशिद्ध हुआ। 25 मार्च को देशव्यापी तालाबंदी से पहले जिला प्रशासन ने पूरी तरह से भीलवाड़ा को बंद कर दिया। टीना ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा 2015 में पहली रैंक हासिल की। उन्होने डीयू के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया है। उन्होंने 2018 में IAS प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रपति द्वारा गोल्ड मेडल।
अनु कुमारी- अन्नू ने बचपन से सपना देखा था कि उसे आईएएस अधिकारी बनना है। लेकिन सपना पूरा होता इससे पहले ही शादी हो गई। लेकिन अन्नू ने हौसलों को पस्त नहीं होने दिया। शादी के बाद भी वो अपने सपने को भूली नहीं और मां बनने के बाद इसे कड़ी मेहनत कर न सिर्फ पूरा किया बल्कि वो टॉपर बनकर आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन गईं हैं। हरियाणा के सोनीपत में एक साधारण परिवार में जन्मी अन्नू पढ़ने में काफी अव्वल थीं। परिवार वालों ने अन्नू की पढ़ाई के प्रति रुचि देखते हुए उन्हें पढ़ाया। लेकिन अन्नू अपने मायके में रहते हुए जो सपना पूरा नहीं कर पाईं उसे उन्होंने ससुराल में जाकर पूरा किया। अन्नू ने 2017 की यूपीएससी परीक्षा में पूरे देश में दूसरा स्थान लाकर सबको चौंका दिया।
इरा सिंघल- इरा शारीरिक रूप से विक्लांग हैं लेकिन कहते हैं ना कि पंखों से क्या होता है हौसलों से उड़ान होती है, अपने ऊपर इसी विश्वास और हौसले के दम पर उन्होंने यूपीएससी की 2014 की परीक्षा में पूरे भारत में पहली रेंक प्राप्त की थी। इतना ही नहीं इरा पहली फिजीकल डिसेबल केंडीडेट हैं जिन्होंने जनरल केटेगरी से इस परीक्षा में टॉप किया। आज इरा इरा कस्टम एंड एक्साइज डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू सर्विस में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर काम कर रही हैं।
नंदिनी के.आर- कर्नाटक के कोलार नामक एक छोटे से शहर की रहने वाली नंदिनी के आर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 2016 में टॉप किया। इसके अलावा, नंदिनी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी से भी हैं। टॉपर नंदिनी के आर कहती हैं, “सफलता में देरी हो सकती है, इनकार नहीं। मेरे परिवार में कोई भी कभी भी IAS / ICS / IRS नहीं रहा है।
प्रतिभा वर्मा- प्रतिभा वर्मा ने इसी साल यूपीएससी परीक्षा में टॉप रेंक हासिल की प्रदीप सिंह को पहली और जतिन किशोर को दूसरी रेंक मिली। इस बार महिला उम्मीदवारों में प्रतिभा वर्मा अव्वल रहीं। 2015 से 2017 तक, लगातार तीन वर्षों में महिला उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षाओं के टॉपर के रूप में उभरी हैं।