रामायण सीरियल में राम सीता विवाह का मनमोहक दृश्य

पिछले पांच साल में कोई दूसरा शो रामायण जितना नहीं देखा गया, गांव से ज्यादा शहर में देखा जा रहा

New Delhi : रामानंद सागर की ‘रामायण’ का पहली बार प्रसारण 1987 में हुआ था। उस वक्त लोगों के बीच इसकी पॉपुलैरिटी ऐसी थी कि सड़के सूनी हो जाती थीं और ट्रेनें तक एक घंटे के लिए रोक दी जाती थीं। और आज जब इसका पुनः प्रसारण हुआ, तब भी इसकी लोकप्रियता साफतौर पर देखी जा रही है। यही वजह है कि यह पौराणिक धारावाहिक पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा देखा गया शो बन गया है। 13वें सप्ताह में इसकी व्यूअरशिप 556 मिलियन रही, जो पिछले पांच साल में किसी भी शो के लिए सबसे ज्यादा है। ‘महाभारत’ की व्यूअरशिप 150 मिलियन है। यही नहीं दोनों सीरियल गांव से ज्यादा शहरी क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं। शहरी इलाकों में जहां 9,10,973 के इम्प्रेशंस के साथ यह पहले स्थान पर हैं तो वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में इसे 6,53.894 इम्प्रेशंस मिले हैं। यह यहां दूसरे स्थान पर है। पहला स्थान दंगल चैनल का है, जिसे 8,82,111 इम्प्रेशंस मिले हैं।

रामायण सीरियल में रामसेतु निर्त्रिमावेंद्रम में भगवान शिव की पूजा करते श्रीराम


दूरदर्शन की तरह कई प्राइवेट चैनल्स ने भी पुराने शो री-टेलीकास्ट करने का का फैसला लिया और इसका फायदा उन्हें मिल रहा है। मसलन स्टार प्लस ने अपने ‘महाभारत’ का प्रसारण फिर से शुरू किया है और बीएआरसी की 13वें सप्ताह की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे 1.4 मिलियन व्यूअरशिप मिल रही है। कलर्स ने अपने शो ‘राम सिया के लव कुश’ और एंड टीवी ने अपने सीरियल ‘रामायण’ का भी पुनः प्रसारण शुरू किया है, जिन्हें क्रमशः 2.1 मिलियन और 0.25 मिलियन व्यूअरशिप मिल रही है। पुराने शोज को फिर से टेलीकास्ट करने की वजह से साउथ इंडियन चैनल सन टीवी दूरदर्शन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला चैनल है। इसे 13,06,360 इम्प्रेशंस मिल रहे हैं। तीसरे स्थान पर दंगल है, जिसने 11,51,414 इम्प्रेशन बटोरे।
लॉकडाउन और पुराने टीवी धारावाहिकों ने दूरदर्शन के भाग्य खोल दिये हैं। कल तक जो चैनल टीआरपी और रैंकिंग में कहीं नहीं टिकता था वही दूरदर्शन आज के समय में सबसे अधिक देखा जानेवाला चैनल बन गया है। दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में 40000% की वृद्धि हुई है। चैनल के लगभग सभी पुराने धारावाहिक का लोग खूब पसंद कर रहे हैं लेकिन रामायण और महाभारत का कोई तोड़ नहीं। रामायण का हर एपिसोड लगभग 10 करोड़ से 13 करोड़ लोग देख रहे हैं। इससे एक बात तो साफ हो गई है कि अगर अच्छे प्रोग्राम बनाये जाये, साफ सुथरे तो दूरदर्शन ही नहीं कोई भी चैनल टीआरपी में आ सकते हैं। दर्शक आजकल की गंदे और भद्दे टीवी सीरियल्स से बोर हो गये हैं।
लॉकडाउन से पहले जहां दूरदर्शन को कुछ हजार लोग भी ठीक से नहीं देख रहे थे वहीं अभी करोड़ों लोग दूरदर्शन देख रहे हैं।घरों में बंद लोगों के लिए रामायण-महाभारत और 90 के दशक के क्लासिक कार्यक्रमों की दूरदर्शन पर वापसी समय काटने का अच्छा जरिया बन गए हैं। इसका फायदा जहां दर्शकों को हो रहा है तो दूरदर्शन को भी इससे बहुत फायादा है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के मुताबिक दूरदर्शन अब भारत में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला चैनल बन गया है। BARC ने कहा कि इन कार्यक्रमों की वजह से शाम और सुबह के बैंड में दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में लगभग 40,000 फीसदी का उछाल आया है।
हिंदू पौराणिक कथाओं की सीरीज रामायण से शुरू करके, डीडी ने महाभारत, शक्तिमान और बुनियाद जैसे अन्य क्लासिक्स सीरियल के जरिए लोगों का मनोरंजन कर रहा है। इनमें से ज्यादातर कार्यक्रम तब टेलिकास्ट हुए जब देश में टीवी प्रसारण पर डीडी का ही एकाधिकार था। BARC ने डीडी के उभरने के लिए रामायण और महाभारत के प्रसारण को शीर्ष पर रखा, जबकि अन्य कार्यक्रमों ने भी चुनिंदा समय स्लॉट में चैनल की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) की नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दूरदर्शन ने सभी शैलियों में सबसे अधिक टीआरपी प्राप्त की है। दूरदर्शन ने सोनी मैक्स, सोनी सब, जी सिनेमा और निक जैसे चैनलों को भी मात दे दी है। कोरोना के कहर के चलते दुनिया का एक तिहाई हिस्सा लॉकडाउन है। इस कड़ी में भारत भी पूरी तरह लॉकडाउन है।

रामायण के एक महत्वपूर्ण दृश्य में हनुमान जी यानी दारा सिंह


BARC की एक और रिपोर्ट के मुताबिक पांच अप्रैल को रात 8:53 से 9:30 बजे के बीच देश में सबसे कम टीवी देखा गया। इन 37 मिनट में दर्शकों की संख्या 60% कम हो गई थी। बता दें कि रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 के बाद यह पहली बार था जब टीवी दर्शकों की संख्या में इतनी ज्यादा गिरावट दर्ज हुई। वहीं खास बात ये भी रही कि 3 अप्रैल को मोदी ने कोरोना पर एक वीडियो संदेश जारी किया था। इसे एक मिनट के अंदर 1 अरब लोगों ने देखा था।

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