New Delhi : लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के 15 लाख मजदूरों के खाते में नीतीश सरकार ने एक एक हजार रुपये डाले हैं। कुल 23 लाख मजदूरों ने आवेदन किया था। CM नीतीश ने शेष मजदूरों के खाते में शीघ्र राशि भेजने का निर्देश दिया है। सर्वाधिक पौने पांच लाख आवेदन दिल्ली से तो हरियाणा से करीब तीन लाख किये गये हैं। शनिवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने यह जानकारी दी है।
सचिव ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए राज्य सरकार ने छह हजार करोड़ खर्च किया है। एक करोड़ दो लाख राशनकार्ड धारियों को तथा बाहर फंसे 15 लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हजार हस्तांतरित किये गये हैं। यह कुल राशि 1070 करोड़ है। इसी प्रकार 84 लाख से अधिक सामाजिक पेंशनधारियों के खाते में तीन माह के अग्रिम पेंशन के रूप में 1017 करोड़ का भुगतान किया गया है। फसल क्षति नुकसान के लिए सहायता राशि के रूप में 578 करोड़ किसानों के खाते में भेजा जा रहा है। छात्र-छात्राओं के खाते में छात्रवृत्ति आदि के रूप में 3102 करोड़ भेजे गये हैं। कोरोना उन्मूलन कोष में 159 करोड़ दिए गए हैं, जिसके खर्च का अधिकार स्वास्थ्य सचिव को है।
ग्राम पंचायतों में अभी 1037 क्वारंटाइन कैंप चल रहे हैं। इनमें अभी 9082 लोक रह रहे हैं। ये कैंप पंचायतों के स्कूलों में बनाए गए हैं। इसकी संख्या शुरुआत में 3200 से अधिक थी। लेकिन इन कैंपों में रह रहे लोगों का क्वारंटाइन अवधि 14 दिन पूरी होने पर अपने घरों में चले गए हैं। इस कारण इसकी संख्या कम हो गई है। यहां पर लोगों को भोजन और चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जा रही है। वहीं राज्य के विभिन्न शहरों में चल रहे आपदा राहत केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 220 कर दिया गया है, जहां पर 71624 गरीब लोगों को भोजन, चिकित्सकीय सुविधा दी जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार ने कहा कि घर-घर सर्वे के तहत 71 लाख 25 हजार घरों में कोरोना संक्रमण के लक्षण जानने के लिए स्क्रीनिंग अब-तक की गई है। इस दौरान 2526 लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार के सामान्य लक्षण मिले हैं, जिनका सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाहर से आए छह लोगों में अबतक कोरोना पॉजिटिव मिला है।