राम के आगे नतमस्तक ड्रैगन : पूर्वी लद्दाख समेत विवाद वाली सभी जगहों से धीरे-धीरे सैनिक पीछे हटायेगा

New Delhi : आखिरकार भारत के दबाव के आगे चीन झुक गया। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर मोल्डो में सोमवार को हुई भारत-चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत सकारात्मक रही है। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख से पीछे हटने पर सहमति जताई है। सेना ने मंगलवार 23 जून को कहा- बातचीत अच्छे माहौल में हुई। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगह से दोनों देशों की सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनी है। डी-एस्केलेशन की प्रोसेस धीरे-धीरे होगी। यानी धीरे-धीरे दोनों देशों के सैनिक पीछे हटेंगे।
भारत और चीन के बीच सोमवार को कॉर्प्स कमांडर स्तर की मैराथन बातचीत हुई थी। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच तकरीबन 12 घंटे तक चली इस बैठक में सीमा पर जारी तनाव को कम करने को लेकर बात की गई थी। भारत ने चीनी सैनिकों से उसी स्थान पर वापस जाने को कहा, जहां पर वे अप्रैल महीने की शुरुआत में थे।

इस बैठक से परिचित दो अधिकारियों ने बताया था – भारत ने चीनी पक्ष से सीमा पर चल रहे तनाव को खत्म करने को लेकर आश्वासन की मांग की है। उन्होंने कहा – इस बातचीत का उद्देश्य फिंगर एरिया, गोगरा पोस्ट-हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी में पहले की यथास्थिति को बहाल करना था।
इधर गलवन घाटी में चीन सेना से विवाद को लेकर उपजे हालात का जायजा लेने थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे दिल्ली से लद्दाख पहुंच गये हैं। लद्दाख पहुंचते ही सबसे पहले सेना प्रमुख ने 15 जून की घटना में घायल सैनिकों से मुलाकात की। लेह अस्पताल में उपचाराधीन घायल जवानों से बात करते हुये आर्मी चीफ ने उनसे गलवन घाटी प्रकरण के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने बहादुर जवानों की सराहना भी की।
लद्दाख एयरपोर्ट उतरने पर थलसेना प्रमुख सैन्य काफिले के साथ लेह अस्पताल में उपचाराधीन जवानों का हाल जानने के लिये रवाना हुये। दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे थलसेना अध्यक्ष इस दौरान घाटी के हालात जानने के लिये कश्मीर भी जायेंगे। सेना अध्यक्ष पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले सैनिकों का उत्साह बढ़ाने के साथ फील्ड कमांडरों से बातचीत कर सुरक्षा परिदृश्य का जायजा भी लेंगे।

सेना ने पूर्वी लद्दाख के हाट स्प्रिंग, डेमचौक, कायूल, फुक्चे, डेपसांग, मुरगो व गलवन में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में चीन से निपटने की तैयारी के बीच बातचीत भी चल रही है। सेना की 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेन्द्र सिंह ने दक्षिण जिनझियांग जिला के चीफ मेजर जनरल लियु लिन से चुशुल-मोल्डो बॉर्डर पर्सनल हट में बैठक की। पूर्वी लद्दाख में सेना के साथ वायुसेना भी हाई अलर्ट पर है। वायुसेना ने तीन एडवांस लैडिंग ग्राउंड बनाई है। वायुसेना के फाइटर विमान व हेलिकॉप्टर दुश्मन पर नजर रखे हुये हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *