New Delhi : महादेव का यह एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जहां नाग-नागिन का एक जोड़ा शिव पूजा करने के लिए आता है। वह किसी को काटता नहीं, न ही उन्हें लेकर लोगों में कोई डर है। जी हां, हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पेहोवा के नजदीक अरूणाय स्थित श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर की। कहा जाता है कि यहां हर साल महाशिवरात्रि पर नाग-नागिन का एक जोड़ा आता है और शिवलिंग की पूजा करके चला जाता है।
#भारत में कैथल जिले में पेहवा के नजदीक अरूणाय स्थित श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर। यहां साल में एक बार यहां नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर आता है। यहां पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को यह कोई नुकसान नहीं पहुंचाता और कुछ देर बाद यहां से खुद चला जाता है
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— 🇮🇳अंजली झा🇮🇳 राष्ट्रप्रेमी 🚩जागृत हिन्दू नारी (@Being_JhaAnjali) June 5, 2020
नाग नागिन के इस जोड़े ने आज तक किसी भी श्रद्धालु को नुकसान नहीं पहुंचाया। महंत बताते हैं – नाग-नागिन का जोड़ा शिव प्रतिमा की परिक्रमा करता रहता है। पुराणों के अनुसार यहां भगवान शिव स्वंय लिंग रूप में प्रकट हुए थे, जो स्वंयभू लिंग के रूप में मुख्य मंदिर में आज भी विराजमान हैं। इसलिए महाशिवरात्रि पर और सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है।
मान्यता है कि यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक व पूजन करवाने और यहां स्थित बेल वृक्ष पर धागा बांधने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मन्नत पूरी होने के बाद यहां पूजा करवाने व धागा खोलने के लिए श्रद्धालुओं को दोबारा आना पड़ता है। कहते हैं कि देवी सरस्वती ने श्राप मुक्ति के लिए की यहां शिव-आराधना की थी।
*🙏🏻🙏🏻🌹आज प्रातः काल के दर्शन श्री संगमेश्वर महादेव जी के अरूणाई पेहोवा हरियाणा से🌹🙏🏻🙏🏻*@HinduMandirLive @RatishJha15 @HinduTempleLive @IndiaTempleLive pic.twitter.com/Xr8NQVGqMn
— मंदिर दर्शन (@LiveMandir) July 31, 2020
मंदिर की परिचय पुस्तिका के मुताबिक, यहां दूध बिलोकर मक्खन नहीं निकाला जाता। यदि कोई प्रयास करता है तो दूध खराब होकर कीड़ों में बदल जाता है। मंदिर परिसर में खाट का प्रयोग नहीं किया जाता। यदि कोई व्यक्ति यहां अशुद्धि फैलाने का प्रयास करता है तो उसे दंड अवश्य मिलता है।