New Delhi : ISRO के चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट की लीडर के बारे में आप कितना जानते हैं। देश को टेक्नॉलाजी के क्षेत्र में पूरे विश्व में अग्रणी बनानेवाली इस महिला के बारे में हम कितना कम जानते हैं। उस महिला के बारे में जिसे चंद्रयान-2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसरो की महिला वैज्ञानिक एम वनीथा नाम है उनका। आइये आज हम आपको बताते हैं उनके बारे में। उनकी सफलताओं के बारे में और कैसे संघर्ष करके उन्होंने अपने लिये एक अलग मुकाम हासिल की। उनके जैसी कोई दूसरी मिसाल आसपास नहीं दिखती।
#Chandrayan-2 #ISROWomen #Pride #India
Congratulation M.Vanitha & Ritu Karidhal
The Superwomen Behind the Launch Of Chandrayan-2@woman_flying pic.twitter.com/lahCDsRpeC— Flying Woman (@woman_flying) July 25, 2019
From successful launch of Chandrayan-2, a project lead by M Vanitha and Ritu Karidhal to the winner of 5 gold medals in 19 days at Nove Mesto and Metuji Grand Prix, Hima Das. These women are the face of New India, achieving the new milestone#womenempowerment #Chandrayaan2 pic.twitter.com/auEYYpiMbC
— Sabakuch (@sabakuch) July 27, 2019
Congrats @isro on the successful launch of CHANDRAYAN 2 and leading with example in the field of woman empowerment.
Special thanks to M.Vanitha and Ritu Karidhal for achieving great heights in space research.#ISRO #Chandrayan2 #GSLVMkIII https://t.co/UW1l6Z9wdT pic.twitter.com/7dtw43tHrO— VICHAR LAHIRI (@VicharLahiri) July 30, 2019
एम वनीथा के पास डिजाइन इंजीनियरिंग का लंबा अनुभव है। वह काफी समय से सेटेलाइट्स पर काम कर रही हैं। वर्ष 2006 में एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने उन्हें बेस्ट वुमन साइंटिस्ट के पुरस्कार से सम्मानित किया था। जानकारों के अनुसार किसी भी मिशन में प्रोजेक्ट डायरेक्टर की भूमिका काफी अहम होती है। अभियान की सफलता की पूरी जिम्मेदारी प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर ही होती है। वह पूरे अभियान का मुखिया होता है। किसी भी अंतरिक्ष अभियान में एक से ज्यादा मिशन डायरेक्टर हो सकते हैं, लेकिन प्रोजेक्ट डायरेक्टर केवल एक ही होता है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर के ऊपर एक प्रोग्राम डायरेक्टर भी होता है। ऐसी स्थिति में जब उन्हें चंद्रयान-2 का प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया तो उनकी उपलब्धियों को सहज समझा जा सकता है।
वनिथा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियर ओर डाटा विश्लेषण विशेषज्ञ हैं। चंद्रयान का अहम उद्देश्य पानी, विभिन्न धातुओं और खनिजों सहित चंद्र सतह के तापमान, विकिरण, भूकंप आदि का डाटा जमा करना था। ऐसे में उनका काम मिशन से जुटाये डाटा का विश्लेषण करना था। वनिथा चंद्रयान-1 के लिए भी यह काम कर चुकी हैं। वे भारत के रिमोट सेन्सिंग उपग्रहों की व्यवस्था भी संभालती रही हैं। यही वजह रही कि उन्हें चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट में शुरू से प्रमुख भूमिका दी गई।
दूसरी तरफ उनकी एक सहयोगी मुथैया यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से एक इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर हैं। वह डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग में माहिर हैं और उन्होंने उपग्रह संचार पर कई पेपर लिखे हैं। उन्होंने मैपिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले पहले भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह (कार्टोसैट 1), दूसरे महासागर अनुप्रयोग उपग्रह (ओशनसैट 2) और तीसरे उष्णकटिबंधीय में जल चक्र और ऊर्जा विनिमय का अध्ययन करने के लिए इंडो-फ्रेंच उपग्रह (मेघा-ट्रॉपिक) पर उप परियोजना निदेशक के तौर पर काम किया है।
Today we salute and celebrate our women scientists from ISRO who are leading the Chandrayan Mission-2. This Chitrakathi drawing is dedicated to Ms. M. Vanitha, Project Director, Ms. Ritu Karidhal, Mission Director and the entire team.
#chitrakathistories #Ekibeki https://t.co/5jCmurUBwy pic.twitter.com/E3SmCJ5SRs— Vishpala Hundekari (@Vnhundekari) July 22, 2019
2006 में उन्हें एस्ट्रॉनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। साइंस जर्नल नेचर ने उनका नाम उन पांच वैज्ञानिकों की श्रेणी में रखा था जिनपर 2019 में नजर रहेगी।