नन्हा आंइस्टीन- मम्मी घर का काम करते थक जाती थी तो 8 साल के बच्चे ने बना डाला रोबोट

New Delhi : 10 साल की उम्र में बच्चों को क्या करना अच्छा लगता है। खेलना कूदना, कहानियां सुनना, मस्ती करना लेकिन आज हम जिस 10 साल के बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं उसका पेशन रोबोट बनना है। इस बच्चे ने 4 साल की उम्र में अपना पहला रोबोट बनाया था। तब से इस बच्चे के नाम देश के सबसे छोटे रोबोट मेकर होने का रिकॉर्ड है। इस बच्चे का नाम है सारंग सुमेश। इस बच्चे ने सफाई करने वाला रोबॉट, दृष्टिबाधितों के लिए एक ब्लाइंड स्टिक और ऐसे ही छोटे छोटे तकनीकी उपकरण महज 4 साल की उम्र में ही बना डाले थे।

जहां 4 साल की उम्र में एक आम बच्चा कुछ सोच- समझ नहीं पाता वहीं सारंग ने जो कर दिखाया वह आज बड़ों तक के लिए मिसाल है। सारंग ने रोबोट बनाना अपने घर में रोज सामने आने वाली समस्याओं के जवाब में सीखा। इसी से प्रभावित होकर सारंग ने एक दिन महसूस किया कि मम्मी घर का काम करके थक जाती है तो सारंग ने ऐसा रोबोट बना दिया जो घर की साफ सफाई से लेकर खाना परोसने तक का काम करता है। लेकिन ये तो सिर्फ शुरूआत थी । सारंग ने 8 साल की उम्र तक आते आते ऐसे रोबोट बनाए जो एक आम आदमी काफी रिसर्च के बाद बना पाता है। नन्हें सारंग 2017 में एक बार फिर चर्चा में आए जब उन्होने एक स्मार्ट बेल्ट का निर्माण किया। जो कार में दुर्घटना स्थिति को समझकर उसके अनुसार खुल सकती है। ये बेल्ट खासतौर पर बुजुर्ग और छोटे बच्चों के लिए डिजाइन की गई है। जैसे ही किसी भी दुर्घटना का सेंसर बेल्ट को मिलता है बेल्ट अपने आप खुल जाती है। इसे भारत के रोबोट मेकर्स ने असाधारण काम बताया है।

सारंग आज वो सांटिफिक थ्योरीज जानते हैं जो नौवी दसवीं में पढ़ाई जाती हैं। सारंग को इन टेक्निक थ्योरीज को सीखने में बेहद मजा आता है। सारंग इन्हीं के जरीए नए नए प्रयोग करता है और इन्वेंशन कर पाता है। सारंग ने रोबोटिक हैंड, तिपहिया, डिजिटल लॉक, हैंड स्पीड गेम, क्लिनिक रोबोट आदि बनाएं हैं ।उनके इस हुनर के लिए आज देश ही नहीं पूरी दुनियां उन्हें जानती है। सारंग अमेरिका के केलिफॉर्नियां शहर में आयोजित होेने वाले रोबोट मेकर फेस्ट में सबसे छोटे मेंबर के रूप में गए थे।

सारंग एक अच्छे पढ़े लिखे परिवार से हैं। सारंग को उसका परिवार ऐसा वातावरण देता है जिसमें उसके इस हुनर का विकास होता रहे। सारंग के पापा समय समय पर सांरग को रोबोटिक सेंटर ले जाते रहते हैं ताकि वो नई तकनीक और नए इनवेंशन के बारे में भी जाने।

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