New Delhi : लेडी सिंघम के नाम से मशहूर सुप्रीडेंट ऑफ पुलिस और आईपीएस अफसर प्रीति चंद्रा के तेवरों के बारे में तो लोग जानते ही हैं। उनके आगे चंबल के बीहड़ों में डकैत एक के बाद एक सरेंडर करते गये। अभी भीलवाड़ा में बतौर एसपी भी उनका वही रुख कायम है। आखिर बीहड़ और दस्यु समस्या के कारण जिस जिले में कोई एसपी जाना नहीं चाहता, उसी जिले के डांग क्षेत्र में आईपीएस प्रीति चंद्रा ने महज ढाई महीने में ही सात से ज्यादा डकैतों को गिरफ्तार करके अपनी धाक जमाई थी। अवैध खनन के लिए कुख्यात बीहड़ के जंगलों में डकैतों के खिलाफ चलाए गए हर ऑपरेशन में आइपीएस प्रीति खुद मोर्चा संभालती रहीं।
As a mark of gratitude to the #IPS officer who helped bring her new born into the world in extremely adverse circumstances, Smt Nainu Kanwar names her daughter after her. God bless her.
Priti Chandra @JodhpurWest @PoliceRajasthan you make the IPS fraternity proud.#GoodJobCop pic.twitter.com/Yc3EI8dU2z— IPS Association (@IPS_Association) May 16, 2020
— DCP West Jodhpur (@JodhpurWest) May 25, 2020
IPS Preeti Chandra on social Policing https://t.co/FbKN27F50Q
— Mukesh Kumar (@mksaharan206) May 16, 2019
एक बार तो ऐसा हुआ कि कुख्यात बीहड़ में दस हजार के ईनामी कुख्यात डकैत हरिया को पकड़ने के दौरान उसने तो टीम पर 12 बोर की बंदूक तान दी थी और बीहड़ में भागने लगा था। मगर रणनीति के तहत एक टीम डकैत के पीछे की ओर पहले ही भेज दी गई थी जिसने हथियारों से लैस डकैत को दबोच लिया गया। लेकिन वे सिर्फ अपराधियों के लिये ही खौफ नहीं हैं। बल्कि सामाजिक सरोकार में भी काफी आगे हैं। जोधपुर में बतौर डीसीपी रहते हुये लॉकडाउन के दौरान सड़क पर कार में एक महिला की डिलिवरी करवाई थी। बच्ची की मां नैनू कुंवर उनसे इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने अपनी बच्ची का नाम प्रीति रखा।
मूल रूप से राजस्थान के सीकर की रहने वाली प्रीति चंद्रा 2008 बैच की आईपीएस हैं। फिलताल तो वे भीलवाड़ा में हैं लेकिन इससे पहले प्रीति वर्ष 2012 से 2013 में बूंदी एसपी रह चुकी हैं। सप्ताह में एक बार ये बीहड़ में कैंप करती थीं। ज्वॉइन करते ही सबसे पहले बीहड़ और वे इलाके देखे जहां अक्सर डकैतों की आवाजाही होती है। घने जंगलों के बीच मोबाइल नेटवर्क भी नहीं रहता। डकैत भी गांवों में वेश बदलकर टोह लेने आते हैं। ऐसे में पुलिसकर्मी भी गांवों में और कैला देवी के आसपास वेश बदलकर डकैतों की टोह लेते रहे।
2008 बैच की आईपीएस अधिकारी प्रीति चंद्रा जयपुर मेट्रो कॉर्पोरेशन के पुलिस उपायुक्त के पद से जनवरी 2019 को करौली लाया गया था। प्रीति ने अजय सिंह का स्थान लिया था। इसके बाद भीलवाड़ा लाया गया। प्रीति चंद्रा ने बूंदी में देह व्यापार में बच्चियों को धकेलने वाले गिरोह का खुलासा कर आरोपियों को सलाखों तक पहुंचाया था। यह मामला प्रदेश में कई दिनों तक चर्चा का विषय रहा था।
Preeti Chandra (IPS), "Lady Singham"from village kudan, Sikar, Rajasthan.
Jat Samachaar यांनी वर पोस्ट केले रविवार, २६ जून, २०१६
प्रीति चंद्रा का जन्म सीकर जिले के कुंदन गांव में 1979 में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता रामचंद्र सुंडा सेना में रह चुके हैं। रामचंद्र सुंडा ने बेटी प्रीति के बारे में एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है कि उसने 2008 में बिना कोचिंग किये ही पहली बार में UPSC परीक्षा पास की थी।