झारखंड के 10वीं पास शिक्षा मंत्री जगरनाथ ने 11वीं में लिया एडमिशन, कहा- कुछ कर गुजर जाऊंगा

New Delhi : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने 53 साल की उम्र में फिर से पढ़ाई शुरू की है। उन्होंने सोमवार को बोकारो के नावाडीह के देवी महतो इंटर कॉलेज की ग्यारहवीं क्लास में एडमिशन लिया है। 1995 में मैट्रिक करने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। वे झारखंड आंदोलन से जुड़ गये। फिर सक्रिय राजनीति में आ गये और पढ़ाई नहीं कर सके। उनके शिक्षा मंत्री बनने के बाद से ही अक्सर यह मुद्दा उठा कि दसवीं पास व्यक्ति कैसे शिक्षा विभाग का कार्यभाल संभालेगा?

कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद वर्णवाल ने खुद शिक्षा मंत्री का इंटरमीडिएट इन आर्ट्स में रजिस्ट्रेशन किया। कॉलेज के कार्यालय कक्ष में जाकर मंत्री महतो ने नामांकन फॉर्म भरा और 1100 रुपये शुल्क के साथ उसे जमा करवाया। शिक्षा मंत्री ने कहा – सारा काम देखते हुये पढ़ाई करूंगा। क्लास भी करूंगा और विभागीय सरकारी कामकाज भी। घर में किसानी का काम भी करेंगे, ताकि मेरे काम को देखकर अन्य लोग भी प्रेरित हों।
जगरनाथ महतो ने कहा- शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। नौकरियां करते हुये लोग आईएएस, आईपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं। मेरे अंदर भी शिक्षा में कुछ कर गुजरने का जज्बा है। राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये निरंतर प्रयासरत है। सोमवार को ही उन्होंने राज्यभर में 4,416 आदर्श इंटर स्कूल स्थापित करने के लिये एक आदेश भी जारी किया। यह प्रस्ताव कैबिनेट में जायेगा। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद राज्यभर में आदर्श स्कूल स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जायेगी।

उन्होंने कहा- मेरी यह कोशिश है कि गरीब विद्यार्थियों को निःशुल्क और बेहतर शिक्षा मिल सके। जब से जगरनाथ विधायक बने हैं तभी से वो गरीब बच्चों की उच्च शिक्षा पर होने वाले खर्च का वहन कर रहे हैं। वैसे झारखंड में कम पढ़े लिखे मंत्रियों की तादाद काफी है। झारखंड में जगरनाथ महतो के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, समाज कल्याण मंत्री जोबा मांझी और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी दसवीं पास हैं।

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