New Delhi : आज हम आपको एक ऐसी महिला आईपीएस ऑफिसर की संघर्षशील कहानी बताएंगे, जिसने छोटी सी उम्र में बस में महिला के साथ छेड़खानी होते देखी तो तो न केवल उन्हें सबक सिखाया बल्कि उसी दिन से उसने पुलिस सर्विस में जाने की ठान ली। आज वही मामूली से बस कंडक्टर की जांबाज बेटी आईपीएस ऑफिसर है और जमकर अपराधियों की खबर ले रही हैं। इस जांबाज बेटी का नाम है शालिनी अग्निहोत्री जिन्होंने 2012 की सिविस सेवा परीक्षा देकर ये मुकाम हासिल किया। साधारण से परिवार से आने वाली शालिनी के लिए अपने इस सपने को साकार करना इतना आसान नहीं रहा।
शालिनी हिमाचल प्रदेश के ऊना के ठठ्ठल गांव की रहने वाली हैं। पिता एचआरटीसी में बस कंडक्टर हैं। उनके घर से कोई भी पहले से सरकारी सेवा में नहीं था। शालिनी ने बचपन में ठान तो लिया था कि उन्हें पुलिस में जाना है लेकिन इसके लिए कैसे तैयारी करनी है इसके बारे में बताने वाला कोई नहीं था। शलिनी बताती हैं कि उनको बचपन से उनके माता पिता ने कभी किसी भी चीज़ की कमी नहीं होने दी जो बन पड़ा किया। परिवार का यही सपोर्ट उन्हे अपने सपने को पूरा करने में कारगर रहा।
Her parents stood besides her like a rock-solid support, encouraging her to chase a dream. #IPS officer & Kullu SP Shalini Agnihotri's tale of focus, perseverance & family support is inspirational~how self-belief can take you far in life! @thespeakingtreehttps://t.co/OSpCnNGIB1
— IPS Association (@IPS_Association) August 4, 2018
A Bus Conductor’s Daughter, Himachal Girl Beat Odds to Become Best IPS Trainee!
Salute To 👏👏29-year-old IPS officer Shalini Agnihotri’s dream to join the civil services began when she was jolted by one such comment by a stranger on a bus. #WomenEmpowerment pic.twitter.com/BVmL3341Sn— Anita Chauhan (@anita_chauhan80) August 3, 2018
शालिनी बचपन से ही खुले मिजाज की लड़की थीं। उन्हें जो अच्छा लगता वो करती। उनकी दादी बताती हैं कि शालिनी बचपन में लड़कियों के साथ नहीं बल्कि लड़कों के साथ कंचे खेला करती थीं। शालिनी हमेशा से ही मेहनती छात्र में गिनी जाती थी। स्कूल में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहता था। उनकी शिक्षा धर्मशाला से हुई है और आगे की पढ़ाई उन्होने हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से की। 12वीं के बाद शालिनी को पता चला कि सारे प्रशासनिक और रुतबे वाले अधिकारी यूपीएससी नाम की परीक्षा से ही निकलते हैं। शालिनी ने भी परीक्षा देने का मन बनाया। ग्रेजुएशन के बाद मई 2011 में उन्होंने UPSC की परीक्षा दी थी, जिसका इंटरव्यू मार्च 2012 में हुआ और परिणाम भी उसी वर्ष मई में आ गया।
“All dreams are achievable, no matter where you come from and what your background is.”#FridayMotivation from Ms. Shalini Agnihotri, for whom a stranger’s comment changed the course of her life & she went on to become the Best IPS trainee. https://t.co/ldbpPAUY5Y
— Maneka Sanjay Gandhi (@Manekagandhibjp) August 3, 2018
Shalini Agnihotri जी होंगी मंडी पुलिस अधीक्षक(SP)
मातृ शक्ति को नमन #जयहिंद pic.twitter.com/HcJ9BTDcga— Hem Lata Sharma (@HemSharms) August 22, 2020
परीक्षा में शलिनी को ऑल इंडिया लेवल पर 285वीं रैंक मिली। इसके बाद दिसंबर 2012 में हैदराबाद में उन्होने ट्रेनिंग ज्वॉइन की, जिसमें वह टॉपर रहीं। शालिनी अपनी मेहनत और लगन के दम पर ना केवल आईपीएस अधिकारी बनी बल्कि ट्रेनिंग (65वां बैच) के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ ट्रेनी का खिताब से भी नवाजा गया। सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर ट्रेनी आफिसर होने के कारण उन्हें देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित भी किया गया। शालिनी की पोस्टिंग जब कुल्लू में हुई तो शालिनी ने नशे के अवैध कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाने में कामयाब हुईं और इसके खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया था।
I have learn some just right stuff here. Definitely value bookmarking for revisiting.
I wonder how much attempt you place to make this type of great informative website.
Terrific article! This is the type of info that are meant to be
shared around the web. Disgrace on the seek engines for not positioning this
post upper! Come on over and discuss with my site .
Thank you =)