New Delhi : उत्तर प्रदेश के चर्चित अनामिका शुक्ला फर्जी टीचर केस का खुलासा होते ही उसके नाम से नौकरी कर रही शिक्षिकाएं गायब हो गईं हैं। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने बताया – 11 मार्च को अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच के आदेश हुये थे। सबसे पहले इस केस का पता बागपत में चला। जानकारी मिलते ही बागपत में अनामिका के नाम से नौकरी कर रही शिक्षिका फरार हो गईं। बाकी अन्य जिलों में भी जब संपर्क किया गया तो पता चला अनामिका के नाम से नौकरी कर रही शिक्षिकाएं नहीं आ रही हैं और उनके फोन भी बंद हो गये हैं।
Anamika Shukla, whose documents were used for multiple postings, met Gonda Basic Shiksha Adhikari yesterday. He said, "She is a native of Gonda. She produced her original documents &had no info that her documents were being misused. Other persons working under her name are fake." pic.twitter.com/rVNtwU9GtO
— ANI UP (@ANINewsUP) June 10, 2020
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा- हमने प्रेरणा फ्रेमवर्क लागू किया है। इसमें विभाग के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा दर्ज है। इसे हमने केजीबीवी में भी फरवरी में लागू किया है। इसमें कहीं भी दूसरी जगह फीडिंग होगी तो पकड़ में आ जाएगा। इसी की वजह से यह मामला पकड़ में आया है। बड़ौत के बागपत में जांच हुई तो सामने आया कि इस नाम की शिक्षिका वाराणसी, कासगंज, अलीगढ़, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर, अमेठी और अम्बेडकर नगर में भी हैं।
अमेठी और वाराणसी में शिक्षा विभाग ने अनामिका प्रकरण में कार्रवाई की है। अमेठी में बीएसए ने केजीबी में कार्यरत अनामिका को बर्खास्त करते हुये उसके खिलाफ एफआईआर करवा दिया है। दूसरी ओर वाराणसी में अनामिका शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अमेठी में पड़ताल करने पर पता चला कि अनामिका द्वारा जिले में दिये गये सारे प्रमाण पत्र सत्य पाये गये थे। मसलन हाईस्कूल से लेकर सभी सर्टिफिकेट व निवास प्रमाण पत्र के साथ ही आधार कार्ड भी सत्यापन में सही पाया गया। इतना ही नहीं वह डयूटी पर भी आती थी और हस्ताक्षर भी करती थी। अनामिका प्रकरण के बाद बीएसए अमेठी ने सभी केजीबीवी कार्मिकों की जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार व शुक्रवार को सभी को कार्यालय में अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।
New twist emerges in the Anamika Shukla case
(By @neelanshu512 & @ShivendraAajTak)https://t.co/hQ8brRUZIq— IndiaToday (@IndiaToday) June 10, 2020
दूसरी ओर एबीएसए सेवापुरी वाराणसी बृजेश कुमार श्रीवास्तव की ओर से दी गई तहरीर में अनामिका पर चयन समिति को गुमराह करके व जाली अंकपत्र के जरिये अपनी नियुक्ति कराने का आरोप लगाया गया है। एबीएसए की तहरीर पर पुलिस ने 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। अनामिका मूलरूप से हसनपुर थाना बेवर जिला मैनपुरी निवासी सुभाष चंद्र शुक्ला की पुत्री है। उस पर आरोप है कि उसने फर्जी अंकपत्र के सहारे कई स्कूलों में नौकरी की और वेतन लाभ लिया है। जबकि वास्तविकता में ओरिजनल अनामिका बेरोजगार है और दो बच्चों की मां है। उसके दस्तावेजों का फर्जी तरीके से हर जगह इस्तेमाल किया गया है। जिस तरह से नियुक्तियां हुईं और सैलरी दी गई उससे साफ है कि अफसरों ने ही इस षडयंत्र को अंजाम दिया।