New Delhi : पिछले तीन दिनों में जैसे ही पश्चिम बंगाल में कोरोना के 63 नये मरीज आये मुख्यमंत्री Mamta Banerjee ने राज्य में कोरोना के काम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जताते हुए शुक्रवार को लोगों से बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने का अनुरोध किया। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन नियमों के कड़ाई से पालन करने को भी कहा। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, कोविद -19 पॉजिटिव मामलों में राज्य में जो आंकड़ा 4 अप्रैल को 69 था वह 16 अप्रैल तक बढ़कर 255 हो गया।
यदि हम लॉकडाउन को सख्ती से लागू नहीं करते हैं, तो सामुदायिक ट्रांसमिशन की संभावना बढ़ जाएगी। बाजारों में भीड़ न हो। आवश्यक होने पर बाजारों में सशस्त्र पुलिस कर्मी भी तैनात किए जाएंगे। कोरोना को लेकर ममता का नजरिया थोड़ा बदला दिखाई पड़ रहा है। मुख्यमंत्री लंबे समय से इस बात पर जोर दे रही थीं कि राज्य में एक मानवीय तरीके से लॉकडाउन होगा और पुलिस को ज्यादती न करने का निर्देश दिए गए थे।
शुक्रवार को, उन्होंने कहा-जो कोई भी लॉकडाउन तोड़ेगा उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। अगर लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं किया गया तो हम बड़े खतरे में आ जाएंगे।
इससे पहले उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनकड़ पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ लोग बंगाल में लॉकडाउन को लागू करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मांग कर रहे हैं। दरअसल, 15 अप्रैल को धनखड़ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि राज्य को केंद्रीय बलों की आवश्यकता है। बाद में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने इसका समर्थन किया था।
पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के उल्लंघन पर सख्त नाराजगी जताई थी। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में छूट दिए जाने पर आपत्ति जताई और कहा था कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गईं और पुलिस ने धार्मिक जमावड़े की भी इजाजत दी है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज, गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है। इन जगहों पर लोग आपस में दूरी बना कर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।