समस्याओं से हो जाते हैं परेशान तो एक बार देख लीजिये इस आदमी की हिम्मत, दोनो हाथ नहीं फिर भी..

New Delhi : कई लोग छोटी-छोटी समस्याओं से हार मानकर अपना लक्ष्य अपने करियर से समझौता कर किस्मत के सहारे बहने लगते हैं। लेकिन जो इन समस्याओं में तपते है और इनसे कुछ सीखते हैं वो ही अपनी तकदीर खुद लिखते हैं। हरियाणा के फतेहाबाद के रहने वाले मदनलाल आज हमारे बीच ऐसी ही मिसाल के साथ मौजूद हैं। मदन लाल के दोनों हाथ न होते हुए भी न सिर्फ वो आज जी रहे हैं बल्कि अपनी इस जिजीविषा से दूसरो को जीना भी सिखा रहे हैं। मदन लाल एक अच्छे टेलर हैं। आम इंसान के दोनों हाथ होते हुए भी उससे सिलाई तो दूर की बात है सुई में धागा नहीं पड़ता लेकिन मदन लाल अपने इस काम के प्रति इतने प्रोफेशनल हैं कि पूरे गांव के कपड़े वही सिलते हैं। उन्होंने अपने दोनों पैरों को ही हाथ बना लिया है।
मदन लाल के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है लेकिन उन्हें कभी भी इसका मलाल नहीं हुआ कि भगवान ने मुझे ऐसा क्यों बनाया। मदन लाल ने अपने हाथों की कमी को अपने पैरों से पूरा किया और हर वो काम जो एक आम इंसान बिना किसी तकलीफ के कर लेता है उसे मदनलाल अपने पैरों की मदद से कर लेते हैं। पैरों से ही नहाना-धौना, खाना-पीना और लिखना-पढ़ना यहां तक कि सिलाई मशीन पर काम करना भी वो पैरों से ही करते हैं। अपने घर के बाहर उन्होंने मदन लाल टेलर्स के नाम से बोर्ड लगा रखा है। वो अपने इस काम से न केवल खुद का बल्कि अपने परिवार को इज्जत की रोटी दे रहे हैं।
पैरों से ही वो ग्राहक का नाप लेते हैं। जब थक जाते हैं तो पैर से ही सिगरेट जलाकर पी लेते हैं। टेलरिंग का काम बारीक कामों में गिना जाता है,कई बार अच्छे-खासे कारीगर से भी गलती हो जाती है। लेकिन इस काम को मदन लाल बड़ी कुशलता से करते हैं। आज उनके इलाके में उन्हें सिलाई के लिए जाना जाता है। वे बताते हैं कि शुरू में तो लोग उन्हें शक की निगाहों से देखते रहे लेकिन बाद में उन्हें यकीन हो गया कि मदनलाल एक अच्छे दर्ज़ी हैं। अपने पूरे जिले भर में अपने हुनर के लिए जाने जाने वाले मदनलाल इस बारे में कहते हैं कि मन की विक्लांगता न हो तो शरीऱ की विक्लांगता उसके सामने कुछ नहीं है।

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