नौकरी भी करते रहे और पढ़ाई भी, मेहनत की मूरत हैं रवि- IAS बन नाम रोशन किया, 9वां रैंक हासिल

New Delhi : यूपीएससी की परीक्षा में रवि जैन ने नौवां रैंक हासिल कर अपनी लगन से सबको चौंका दिया है। वे पिछले चार साल से नौकरी कर अपने परिवार की भी मदद कर रहे थे और यूपीएससी की भी तैयारी कर रहे थे। लेकिन कहते हैं न सच्ची इमानदारी और लगन का फल तो मिलता ही है। नौकरी करते हुये भी उन्होंने यह जबरदस्त सफलता हासिल की।
बिजनेस परिवार से आनेवाले रवि जैन बिहार के जमुई जिले में सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के सहायक कर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। वे मूल रूप से झारखंड के देवघर के रहनेवाले हैं। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद जमुई के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कार्यालय कक्ष में उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी। रवि जैन की बीपीएससी में सफलता अर्जित करने के बाद पहली पोस्टिंग जमुई में ही हुई थी।

जमुई के सेल्स टैक्स ऑफिस में बतौर सहायक कर आयुक्त पहली पोस्टिंग जनवरी 2020 में हुई। उनकी स्कूलिंग देवघर में ही हुई। वे क्लास वन से लेकर 12वीं तक देवघर के सेंट फ्रांसिस स्कूल में पढ़े। नोएडा स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से ग्रेजुएशन तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बीटल इंडिया कंपनी में उन्होंने 3 वर्ष तक प्राइवेट नौकरी भी की। इस बीच बीपीएससी 60-62 बैच की परीक्षा उत्तीर्ण कर वाणिज्य कर सेवा की नौकरी ज्वाइन कर ली।
रवि अभिभावक के साथ-साथ सीनियर कलीग को सफलता का श्रेय देते हुये इसमें बहन का विशेष योगदान बताते हैं। रवि के पिता अशोक कुमार जैन का जानवरों के चारा का बिजनेस देवघर में है। मां मंजुला जैन गृहणी हैं।
इधर बिहार के ही मधुबनी जिले के रहनेवाले मुकुंद कुमार ने यूपीएससी में 54वां रैंक हासिल किया है। उनके पिता की सुधा दूध की दुकान है। लेकिन आमदनी इतनी नहीं कि जिंदगी में ऐशो आराम हो। लेकिन उन्होंने बेटे को पढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी। जब जैसी जरूरत हुई बेटे को हर सुविधा मुहैया कराई। जमीन तक बेचना पड़ा। लेकिन आज उनके लाल ने उनका नाम रोशन कर दिया है।
मुकुंद का यह पहला ही प्रयास था। बाबूबरही प्रखंड के बरुआर निवासी मनोज कुमार व गृहिणी ममता देवी के खुशियों का ठिकाना नहीं। बाबूबरही बाजार में पीएनबी के निकट इनकी दुकान है। आंखों में भर आए आंसूओं को पोछते हुए पिता बोल पड़े- बेटे ने आज जिंदगी सफल कर दी। कभी सोचा नहीं था कि जीवन में इतनी खुशियां मिलेंगी। बेटे ने नाम रौशन कर दिया है।

मुकुंद का बचपन ग्रामीण परिवेश में ही बीता। वर्ष 2008 में मुकुंद का चयन सैनिक स्कूल, गोलपारा, असम में हो गया। 2015 में बारहवीं पास करने के बाद ये नेवी के लिये प्रयासरत थे। लेकिन, नेवी में सफलता नहीं मिली। 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी में इंग्लिश ऑनर्स किया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गये। मुख्य परीक्षा में मुकुंद ने राजनीति शास्त्र व अंग्रेजी विषय रखा। इससे पहले मुकुंद ने चौसठवीं बीपीएसी की मुख्य परीक्षा भी पास की। मुकुंद ने कहा- अगर लक्ष्य निर्धारित हो तो इसे पाने में आर्थिक तंगहाली कभी आड़े नहीं आती, बस जज्बा होना चाहिए। पिछले डेढ़ साल से प्रतिदिन छह से आठ घंटों की तैयारी नियमित रूप से कर रहे थे। कहा कि जीवन में आने वाली कठिनाईयां हमें हमेशा कुछ अलग करने की प्रेरणा देते हैं। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, मामा कन्हैया झा व दिलीप झा के साथ ही दोनों मामी व अपने गुरुजनों को दिया।

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