New Delhi : कानपुर में शुक्रवार को भूखे प्रवासी कामगार रोटियों के लिये झपटमारी करने लगे। रोटियों की भूख इस कदर थी कि सब आपस में ही उलझ पड़े, जिन लोगों को रोटियां नहीं मिलीं वे झपटमारों से भिड़ गये और देखते ही देखते प्लैटफार्म कुश्ती का अखाड़ा बन गया। जमकर लात घूंसे चले। ट्रेन अहमदाबार से बिहार जा रही थी। यात्रियों ने कहा – अहमदाबाद से कानपुर तक कोई खाना नहीं मिला। कानपुर के आउटर पर ट्रेन को तीन घंटे रोक दिया गया। मजदूरों को खाना खाये 20 घंटे से ज्यादा हो गये थे। सब परेशान थे। खाना देखते ही हर कोई टूट पड़ा।
शुक्रवार को कानपुर सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर 8 यह शर्मनाक नजारा दिखा। भूख और प्यास से छटपटा रहे कामगारों की ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर रुकी सभी लंच पैकेट और पानी पर टूट पड़े। इस दौरान आपस में शुरू हुई धक्का-मुक्की देखते ही देखते कुश्ती का अखाड़े में तब्दील हो गया। श्रमिकों के बीच आपस में जमकर लात घूंसे चलने लगे। एक दूसरे की जमकर पिटाई की। सेंट्रल स्टेशन पर लगभग आधे घंटे तक हंगामा चलता रहा। आरपीएफ और जीआरपी के जवान भी मौके से नदारद रहे। किसी ने भी इन्हें छुड़ाने की कोशिश नहीं की। सुरक्षाकर्मी कोरोना के डर की वजह से श्रमिकों से दूरी बनाये रहे ।
अहमदाबाद से बिहार सीतामढी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चली थी। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचने से पहले ट्रेन तीन घंटे तक तपती घूप में आउटर पर खड़ी रही थी। श्रमिक भूख और प्यास से परेशान थे। महिलाएं और बच्चों का बुरा हाल था। सिग्नल मिलने के बाद जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तो लंच पैकेट और पानी की अनॉउंसमेंट की गई। आइआरसीटीसी के कर्मचारी जब खाना लेकर प्लेटफार्म पर पहुंचे तो अपनी तरफ आती हुई भीड़ को देखकर लंच पैकेट की ट्राली छोड़कर पीछे हट गये। श्रमिको की भीड़ लंच पैकेट पर टूट पड़ी। श्रमिकों के बीच मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान लंच पैकेट पूरे प्लेटफार्म बिखर गये। कुछ को खाना नसीब हुआ तो कुछ भूखे ही रह गये। आइआरसीटीसी के मुताबिक जब कर्मचारी खाना लेकर पहुंचे तो भीड़ बेकाबू हो गई। फोर्स की कमी की वजह से हंगामा हो गया।