वीर को सम्मान- कर्नल बाबू की पत्नी को डिप्टी कलेक्टर बनाया, 5 करोड़ का चेक और 600 गज जमीन

New Delhi : तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री चंद्रशेखर राव ने शहीद कर्नल संतोष बाबू की पत्‍नी को सूर्यपेट जिले का डिप्‍टी कलेक्‍टर नियुक्‍त किया है। कर्नल बाबू 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार को 5 करोड़ रुपये का एक चेक और 600 गज आवासीय जमीन का एक पट्टा भी सौंपा है। तेलंगाना सरकार का यह सम्मान वास्तव में पूरे समाज को प्रेरित करनेवाला है। उनके इस फैसले की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने शहीद के घर जाकर परिवार को सम्मानित किया।

आज ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कर्नल बी संतोष बाबू के बलिदान को याद करते हुये कहा कि सरकार को कर्नल समेत 20 जवानों का सम्मान बरकरार रखने के लिये बहुत कुछ करना होगा। कर्नल बी संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यपेट के रहने वाले थे। जिस समय यह घटना घटी उनकी पत्‍नी और बच्‍चे दिल्‍ली में थे। जबकि उनके माता पिता सूर्यपेट में रहते हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कर्नल बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपए बतौर मुआवजा, उनकी पत्नी को ग्रेड-1 जॉब और हैदराबाद में 600 गज जमीन देने का फैसला किया है। सोमवार को सीएम खुद शहीद बाबू के घर गये और पांच करोड़ का चेक पत्‍नी को सौंपा। कर्नल संतोष बाबू साल 2004 में कमीशंड हुए थे और उनकी पहली पोस्टिंग जम्‍मू कश्‍मीर थी।
कर्नल बी संतोष बाबू की मां बताती हैं कि उनके पिता को भारतीय सेना में शामिल होने का बहुत शौक था। लेकिन वे किसी कारणवश नहीं हो पाये। उन्होंने बचपन से ही कर्नल बाबू को इसके लिये तैयार किया। कर्नल बाबू को बचपन से सेना की ड्रेस देने लगे। 37 साल के कर्नल बाबू का पूरा नाम, बिकुमल्‍ला संतोष बाबू था। पिता के इस आग्रह का परिणाम यह निकला कि वह बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे। उन्‍होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश के विजियांगराम जिले में स्थित सैनिक स्‍कूल में एडमिशन लिया।

12वीं तक की पढ़ाई कर्नल बाबू ने अपनी पढ़ाई रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले इसी सैनिक स्‍कूल से पूरी की। इसके बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में सेलेक्ट हुये। उनके पिता बी उपेंद्र जो रिटायर्ड बैंक कर्मी हैं, उन्‍होंने कहा है कि बेटे ने उनके देश सेवा के सपने को पूरा किया है और उन्‍हें उन पर गर्व है। यह न सिर्फ उनके परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति है बल्कि उनके साथ एकेडमी में रहे उनके कोर्समेट्स भी उनके चले जाने से निराश हैं।

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