भारत-चीन विवाद पर मायावती ने कांग्रेस को दी नसीहत- अभी सरकार पर छोड़ें देशरक्षा में क्या करना है

New Delhi : लद्दाख की गलवान वैली घटना को लेकर पूरे देश में नाराजगी है। विपक्ष सरकार पर हमलावर है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चीन के साथ जारी गतिरोध के मसले पर सरकार और विपक्ष को एकजुट होने और देशहित और सीमा की रक्षा का काम सरकार पर छोड़ देने को कहा है। मायावती ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर पक्ष और वपक्ष को एकजुट होकर काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा- अभी हाल ही में 15 जून को लद्दाख में चीनी सेना के साथ जो हुआ उससे पूरा देश काफी दुखी, चिंतित व आक्रोशित है। इसके निदान के लिये सरकार और विपक्ष दोनों को पूरी परिपक्वता तथा एकजुटता के साथ काम करना है जो देश-दुनिया को दिखे व प्रभावी सिद्ध हो।
एक दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा – ऐसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के संबंध में लोगों और विशषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मूल रूप से ये सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वो देशहित और सीमा की रक्षा हर हाल में करे, जो कि हर सरकार का दायित्व भी है।

इधर तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री चंद्रशेखर राव ने शहीद कर्नल संतोष बाबू की पत्‍नी को सूर्यपेट जिले का डिप्‍टी कलेक्‍टर नियुक्‍त किया है। कर्नल बाबू 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार को 5 करोड़ रुपये का एक चेक और 600 गज आवासीय जमीन का एक पट्टा भी सौंपा है। तेलंगाना सरकार का यह सम्मान वास्तव में पूरे समाज को प्रेरित करनेवाला है। उनके इस फैसले की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने शहीद के घर जाकर परिवार को सम्मानित किया।
आज ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कर्नल बी संतोष बाबू के बलिदान को याद करते हुये कहा कि सरकार को कर्नल समेत 20 जवानों का सम्मान बरकरार रखने के लिये बहुत कुछ करना होगा। कर्नल बी संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यपेट के रहने वाले थे। जिस समय यह घटना घटी उनकी पत्‍नी और बच्‍चे दिल्‍ली में थे। जबकि उनके माता पिता सूर्यपेट में रहते हैं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कर्नल बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपए बतौर मुआवजा, उनकी पत्नी को ग्रेड-1 जॉब और हैदराबाद में 600 गज जमीन देने का फैसला किया है। सोमवार को सीएम खुद शहीद बाबू के घर गये और पांच करोड़ का चेक पत्‍नी को सौंपा। कर्नल संतोष बाबू साल 2004 में कमीशंड हुए थे और उनकी पहली पोस्टिंग जम्‍मू कश्‍मीर थी।

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