New Delhi : देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन मास सोमवार यानी 6 जुलाई से शुरू होगा। इस बार सावन मास का आरंभ और समापन, दोनों ही सोमवार के दिन ही हो रहा है। काशी में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन तो कर सकेंगे, लेकिन जलाभिषेक पर रोक रहेगी। हालांकि पहले सोमवार पर यदुवंशियों द्वारा बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक की परंपरा का निर्वाह किया जायेगा।
आज दिनांक 05-07-2020 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तऋषि / संध्या आरती दर्शन#ShriKashiVishwanath #Shiv #Mahadev #Baba #ManglaAarti #Kashi pic.twitter.com/8NGVvnHXZd
— Shri Kashi Vishwanath Temple Trust (@ShriVishwanath) July 5, 2020
कोरोना संकट के चलते 107 दिनों बाद यह पहला मौका होगा जब सिर्फ पांच श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करेंगे। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर सनातनियों के आस्था के सबसे बड़े केंद्र काशी विश्वनाथ समेत दूसरे मंदिरों में पूर्ण लॉकडाउन के पहले से ही यानी 20 मार्च से आम दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगी थी। अनलॉक में विश्वनाथ मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्शन-पूजन तो चल रहा है पर कई प्रमुख मंदिर अभी भी बंद हैं।
घाटों पर शाम के समय मां गंगा की आरती भी सांकेतिक रूप में हो रही है। रथयात्रा मेले समेत अन्य पारंपरिक धार्मिक कार्यक्रम इस बार नहीं हो सकेंगे। सावन में कांवर यात्रा पर रोक के चलते इस बार पहले जैसा नजारा देखने को नहीं मिलेगा। सावन के पहले सोमवार पर हजारों यादव बंधुओं के समूह में जलाभिषेक करने की परंपरा 1932 से चली आ रही है।
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चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया – महामारी को देखते हुए शासन व प्रशासन के निर्देश के अनुसार इस बार प्रतीक रूप में जलाभिषेक की परंपरा निभाई जाएगी। यदुवंशी समाज के सिर्फ पांच प्रतिनिधि ही काशी विश्वनाथ समेत अन्य शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे। उन्होंने यादव बंधुओं से अपने घरों में ही जलाभिषेक करने के अपील की है।
चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के प्रवक्ता आयुष्मान चंद्रवंशी ने बताया – प्रतीकात्मक जलाभिषेक यात्रा डमरू और झंडे के प्रतीक के साथ पारंपरिक मार्ग से निकलेगी। केदारेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के साथ शुरू होने वाली यात्रा तिलभांडेश्वर, श्रीकाशी विश्वनाथ, महामृत्युंजय महादेव, त्रिलोचन महादेव, ओंकालेश्वर और लाटभैरव पर जलाभिषेक के साथ पूरी होगी। आम श्रद्धालुओं पर रोक रहेगी, लेकिन यात्रा में शामिल पांच यादव बंधु काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में जाकर बाबा का जलाभिषेक कर कोरोना से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाएंगे।
आज दिनांक 05-07-2020 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती दर्शन#ShriKashiVishwanath #Shiv #Mahadev #Baba #ManglaAarti #Kashi pic.twitter.com/nRHaJwwX3p
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सोमवार को विश्वनाथ मंदिर में बाबा के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होंगे। पहले सोमवार को भगवान शंकर स्वरूप, दूसरे सोमवार को शिव-पार्वती स्वरूप, तीसरे सोमवार के दिन अर्द्धनारीश्वर स्वरूप के दर्शन होंगे। चतुर्थ सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार होगा। पांचवें व अंतिम सोमवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन शिव-पार्वती एवं गणेश की चल प्रतिमा का झूला श्रृंगार होगा। प्रत्येक सोमवार को मंदिर को फूल-मालाओं से सजाया जाएगा।