New Delhi : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद Farooq Abdullah को आज रिहा कर दिया गया. फारूकअब्दुल्ला ने रिहा होने के बाद अपने घर पर लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा – मैं जनता और उन नेताओं का बहुत शुक्रिया करता हूं, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए आवाज उठाई. मैं आजाद हुआ….मैं आजाद हुआ, लेकिन मेरी आजादी तब पूरी होगी, जब उमरअब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत सभी नेताओं की रिहाई होगी. मुझको उम्मीद है कि सभी नेताओं की रिहाई जल्द होगी.’
दरअसल, शुक्रवार को जम्मू–कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत की गई फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी समाप्तकर दी है. शुक्रवार को जम्मू–कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पीएसए के तहत फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी कोरद्द कर दिया गया है.
प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि जम्मू–कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 की धारा 19 (1) के तहत मिली शक्तियों काइस्तेमाल करते हुए श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए नजरबंदी के आदेश को सरकार ने तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. इससे पहले फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को तीन–तीन महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था.
श्रीनगर के उपायुक्त साहिद चौधरी ने कहा कि पीएसए हटने के बाद अब फारूक अब्दुल्ला पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है. हालांकि एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि फारूक अब्दुल्ला पर लगे पीएसए को हटा दिया गया है, लेकिन इस बाबत आदेशों कोक्रियान्वित करने में समय लगेगा.
वहीं, जम्मू–कश्मीर कांग्रेस ने फारूक अब्दुल्ला की रिहाई का स्वागत किया है. जम्मू–कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा किसरकार ने फारूक अब्दुल्ला की रिहाई में काफी देर की, लेकिन फिर भी उनकी रिहाई का हम स्वागत करते हैं. सभी मुख्यधारा के नेताओंकी नजरबंदी गैरकानूनी और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है. हमको उम्मीद है कि बिना किसी देरी के बाकी नेताओं की भी नजरबंदीखत्म की जाएगी.
कांग्रेस नेता और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी फारूक अब्दुल्ला की रिहाई पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, ‘मुझको उम्मीद है कि दूसरे पूर्व मुख्यमंत्रियों की भी रिहाई जल्द हो जाएगी.’
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद किया गया था नजरबंद
मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू–कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जाखत्म हो गया था. इसके अलावा जम्मू–कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू–कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था. इसकेबाद जम्मू–कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओंको नजरबंद कर दिया गया था. फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर शहर स्थित उनके अपने आवास में कड़ी सुरक्षा के बीच नजरबंद रखा गयाथा.