New Delhi : कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दावा किया है कि अब देश में कोविड-19 संक्रमण का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है। इन स्वास्थ्य विशेषज्ञों में एम्स के डॉक्टर, आईसीएमआर रिसर्च ग्रुप के दो सदस्य आदि शामिल हैं। देश में कोरोना मरीजों की संख्या सोमवार सुबह 1,90,535 पहुंच गई। इसके बावजूद सरकार लगातार कहती रही है कि अभी भारत में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है।
एक्सपर्ट्स की पीएम को चिट्ठी- कोरोना पर सरकार के तौर-तरीके ठीक नहीं – Community transmission in india corona virus national task force for covid19 pm modi – AajTak https://t.co/NOfqXJnZzy
— IA_INDIAN (@IAK39188173) June 1, 2020
हालांकि भारत अब कोरोना वायरस से प्रभावित दुनिया का सांतवां सबसे बड़ा देश बन चुका है। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (IPHA), इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट (IAE) के विशेषज्ञों द्वारा संकलित रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है – यह उम्मीद करना ठीक नहीं है कि इस स्तर पर कोरोना वायरस महामारी को समाप्त किया जा सकता है क्योंकि बीमारी का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार- कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से अपेक्षित फायदा यह था कि इस बीमारी को एक समय के भीतर ज्यादा फैलने से रोका जाये, जिससे प्रभावी ढंग से योजना बनाई जाये। अब लॉकडाउन के चौथे चरण के खत्म होने के बाद लगता है कि यह संभव हो गया है।
16 सदस्यीय संयुक्त कोविड-19 टास्क फोर्स में IAPSM के पूर्व अध्यक्ष डॉ शशि कांत, IPHA के अध्यक्ष डॉ. संजय के. राय, बीएचयू के डॉ डीसीएस रेड्डी और चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर के डॉ. राजेश कुमार शामिल हैं। डॉ. रेड्डी और डॉ. कांत कोरोना महामारी के लिए महामारी विज्ञान और निगरानी पर एक आईसीएमआर के सदस्य हैं। रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने यह भी कहा – महामारी से निपटने के लिए फैसले लेते समय महामारी विज्ञानियों से परामर्श नहीं किया गया। विशेषज्ञों का कहना है – मानवीय संकट और बीमारी फैलने दोनों के मामले में भारत भारी कीमत चुका रहा है।