जुलाई में स्कूल खोलना सबसे खराब फैसला होगा : सवा 2 लाख अभिभावकों ने कहा- मत खोलो स्कूल

New Delhi : कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश भर के 2 लाख से अधिक अभिभावकों ने एक ऑनलाइन पीटिशन पर हस्ताक्षर किये हैं जिसमें कहा गया है कि जब तक कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार नहीं होता या टीका तैयार नहीं होता तब तक स्कूलों को फिर से नहीं खोला जाना चाहिये। यह पीटिशन अभियान सरकार की इस घोषणा के बाद आई है कि स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को जुलाई में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोरोना वायरस स्थिति पर चर्चा करने के बाद फिर से खोल दिया जायेगा।

इस ऑनलाइन पीटिशन में कहा गया है – जुलाई में स्कूल खोलना सरकार का सबसे खराब फैसला होगा। यह आग से खेलने जैसा है। जब हमें पूरी ताकत के साथ इसे रोकने की कोशिश करना चाहिये वैसे में स्कूल खोलना जानलेवा साबित हो सकता है। वर्तमान में एकेडमिक सेशन ई-लर्निंग मोड में जारी रहना चाहिये। इसमें कहा गया है – अगर स्कूलों का दावा है कि वे वर्चुअल लर्निंग के माध्यम से अच्छा काम कर रहे हैं, तो इसे बाकी एकेडमिक इयर में जारी क्यों नहीं रखा जाये। इस पीटिशन पर 2.13 लाख से अधिक अभिभावकों ने हस्ताक्षर किये हैं। देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। इसके बाद जब केंद्र सरकार ने कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के उपायों में देशव्यापी अनलॉक-1 का ऐलान किया तो कहा कि स्कूल कॉलेज खोलने पर राज्य सरकार, अभिभावक और स्कूल से विचार विमर्श के बाद जुलाई में निर्णय लेगी। स्कूल कॉलेज फिलहाल 25 मार्च से सब पूरी तरह से बंद हैं।
अब सरकार ने बैन को फेज वाइज ढील देने की घोषणा की है। स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (केंद्र शासित प्रदेशों) के परामर्श के बाद खोले जाएंगे। गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा प्रतिक्रिया के आधार पर इन संस्थानों को फिर से खोलने का निर्णय जुलाई, 2020 के महीने में लिया जाएगा। हालांकि इस घोषणा में उन अभिभावकों के लिए खतरे की घंटी है, जो मानते हैं कि यह कदम बहुत असुरक्षित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixty eight + = seventy one