New Delhi : मेजर की शहादत की खबर आ गई। पर उनकी पत्नी न ख़ुद रोईं और न परिजनों को रोने दिया। शहीद पति को अंतिमविदाई देते वक्त उन्होंने जो हिम्मत दिखाई उनके हौसले को बयां करती है। वह ताबूत के पास खड़ी रहीं और पति का चेहरा हाथों सेचूमकर उन्हें I Love You कहा। उन्हें सैल्यूट किया। अब वह पति के ही नक्शे कदम पर चल पड़ी हैं। वह दिन दूर नहीं, जब वह उनकी हीतरह फौजी वर्दी में दिखाई देंगी।
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता की। पति की शहादत के बाद अब वह देश की सेवा कोउनकी ही राह चल पड़ी हैं। सैन्य अफसर बनने की ओर वह कदम बढ़ा चुकी हैं। टेस्ट व साक्षात्कार वह क्वालिफाई कर चुकी हैं और उन्हेंउम्मीद है कि मेरिट में भी वह अपना स्थान बना लेंगी।
शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल देहरादून के नेशविला रोड (डंगवाल मार्ग) के रहने वाले थे। वह बीती 18 फरवरी को आंतकी मुठभेड़में शहीद हो गए थे। जम्मू–कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकवादियों ने सीआरपीएफ की टुकड़ी पर फिदायीन हमला कियाथा। इसके तीन दिन बाद यहां पर आतंकियों व सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। जिसमें मेजर विभूति शहीद हो गए थे।
34 वर्षीय मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। वर्ष 2018 अप्रैल माह में उनकी शादी हुई थी। शादी को एक साल भी नहीं हुआ था, जब उनकी शहादत की खबर आ गई। पर उनकी पत्नी निकिताने न केवल खुद को, बल्कि परिवार को भी संभाला। शहीद पति को अंतिम विदाई देते वक्त उन्होंने जो हिम्मत दिखाई, वह अब भी उनकेहौसले को बयां करती है। वह ताबूत के पास खड़ी रहीं और पति का चेहरा हाथों से चूमकर उन्हें आई लव यू कहा। उन्हें सैल्यूट किया।अब वह पति के ही नक्शे कदम पर चल पड़ी हैं। वह दिन दूर नहीं, जब वह उनकी ही तरह फौजी वर्दी में दिखाई देंगी।
शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से अलंकृत किया गया है। उन्होंने न केवलकई सैन्य ऑपरेशन में हिस्सा लिया, बल्कि कई में अग्रणी भूमिका में भी रहे। इन ऑपरेशन में कई आतंकियों का सफाया हुआ। उस रातसेना ने ऑपरेशन शुरू किया तो आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। टीम का नेतृत्व कर रहे मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के गलेऔर सीने में गोली लग गई। पर मेजर विभूति और उनकी टीम ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और इस कार्रवाई में दोआतंकवादी मारे गए। इसी मुठभेड़ में पुलवामा हमले का मास्टर माइंड अब्दुल राशिद गाजी भी ढेर हो गया था।