New Delhi : नौतपा 25 मई से शुरू हो चुका है। ऐसे में सूर्य और धरती के बीच की दूरी कम होने से और गर्मी बढ़ती है। दूसरी तरफ शुक्र ग्रह के अस्त हो जाने से देश के कुछ हिस्सों में बारिश भी होगी। इससे उमस और तीखी गर्मी दोनों रहेंगी। ज्येष्ठ महीना में 9 दिन सबसे ज्यादा तपिश वाले होते हैं। इन्हें नौतपा कहा जाता है। इन दिनों में कुछ महत्वपूर्ण चीजों का दान करना चाहिए। धर्मग्रंथों में इन दिनों किये जाने वाले दान का महत्व बताया गया है।
गरुड़, पद्म और स्कंद पुराण के साथ ही मान्यता और परंपराओं के अनुसार इन दिनों में कई चीजें दान करना शुभ माना गया है। नौतपा में दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। क्योंकि ये ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष के दौरान पड़ता है। नौतपा में दिए गए दान से अनजाने में किए गए पाप खत्म हो जाते हैं और पुण्य मिलता है।
नौतपा में शीतल यानी ठंडक देने वाली चीजें दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सुबह पूजा और दान का संकल्प करने के बाद सत्तू, पानी का घड़ा, पंखा या धूप से निजात दिलाने के लिए छाता भी दान कर सकते हैं। आटे से भगवान ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा करने का भी विधान बताया गया है। इस अवधि में जरूरतमंदों को ठंडी चीजें दान करने से ब्रह्माजी प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा में जल का दान करना शुभ होता है। नौतपा में गर्मी बढ़ जाती है जिस वजह से पानी की प्यास भी अधिक लगती है। इन दिनों जरुरतमंद लोगों को पानी पिलाना चाहिए। अगर आपसे कोई पानी मांगे तो उसको पानी जरूर पिलाएं।
ज्येष्ठ महीने के दौरान नौतपा के आने से इस दौरान दान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इन दिनों में आम, नारियल, गंगाजल, पानी से भरा मिट्टी का मटका, सफेद कपड़े और छाता दान करना चाहिए। नौतपा में गर्मी के बढ़ जाने से शरीर में पानी की कमी का खतरा भी रहता है। इन दिनों ठंडक देनी वाली चीजों जैसे दही, नारियल का भी दान जरूरतमद लोगों को करना चाहिए। इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है।