New Delhi : स्मिता सभरवाल देश की सबसे युवा IAS अधिकारी हैं। इन्हें ‘जनता का अधिकारी’ के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिम बंगाल में जन्मी स्मिता दार्जिलिंग से ताल्लुक रखती हैं। स्मिता के पिता आर्मी अधिकारी थे।आर्मी अधिकारी रहते हुए स्मिता के पिता देश के कई जगहों पर पदस्थ रहे, इसलिए स्मिता ने अपनी पढ़ाई भी देश के कई शहरों में पूरी की है। आईसीएसई स्टैंडर्ड में टॉप करने के बाद स्मिता के पेरेंट्स ने भी सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
#DurgaPujo
That time of the year !
Faith , festivities and fun😀
Miss the yummy bhog and community spirit🙏🏻 at Kalibari celebrations last year !
Maa Durga🔱 ..we pray for your healing touch.#DurgaAshtami pic.twitter.com/xiXjwchpum— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) October 24, 2020
RT Collector_KNR "RT @SmitaSabharwal: Shop this festival season, for your loved ones.. the best of Telangana Handlooms by TSCO ❤️@HandloomsTsco
Venue: Kalinga Cultural Trust, Banjara hills( all covid safety protocols are in place ) pic.twitter.com/SjFLO2YPgx"— Telangana (తెలంగాణ) (@telanganafacts) October 26, 2020
Rallapuram, Bhadradri forests
GuthiKoyas , an ancient and unique primitive tribe, have cause for celebration🥁#MissionBhaghiratha #lastmile💧 #TrailblazerTelangana pic.twitter.com/vsPQ9XjaXH— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) October 28, 2020
Couples 💞 IAS Smita Sabharwal and IPS Akun Sabharwal …….!! pic.twitter.com/ZuIqMembre
— Upsc Official (@official_upsc) August 20, 2020
माता पिता के प्रोत्साहन के बाद स्मिता ने कड़ी मेहनत के दम पर देश में चौथा स्थान हासिल किया तब वह महज 22 साल की थीं। तो वहीं यूपीएससी की परीक्षा पास करने वालीं वे सबसे कम उम्र की स्टूडेंट स्मिता ने तेलंगाना कैडर के आईएएस की ट्रेनिंग ली और नियुक्ति के बाद वह चितूर में सब-कलेक्टर, कड़प्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं।
स्मिता सभरवाल ने यूपीएससी परीक्षा के लिए अपने वैकल्पिक विषयों के रूप में मानव विज्ञान और लोक प्रशासन को चुना था। वह ऑल इंडिया 4th रैंक हासिल करने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सबसे कम उम्र की IAS हैं। स्मिता सभरवाल अपने पहले प्रयास में अपने प्रीलिम्स को पास करने में असफल रहीं, हालांकि, अगले मौके में, उन्होंने ऑल इंडिया 4th रैंक हासिल की। उन्होंने इस उपलब्धि पर कहा था- यह विस्मयकरी है! … ग्रिलिंग इंटरव्यू सेशन के बाद, मुझे उम्मीद थी कि शायद 50 वीं रैंक, लेकिन निश्चित रूप से 4 वीं रैंक नहीं थी।
स्मिता सभरवाल दिन में केवल छह घंटे पढ़ाई करती थीं और कम से कम एक घंटे खेलती थीं। उन्होंने कहा, ‘यह सोचना गलत है कि सिविल सर्विसेज के जरिए कोई भी बहुत मेहनत से पढ़ाई कर सकता है। अंतिम दौर में, आपके हितों और शौक को भी चयन के लिए ध्यान में रखा जाता है।
Pure water💧is the world’s First and Foremost medicine.
Qualified Chemists and Microbiologists at our laboratories, test every hour, all parameters to ensure safest water (WHO standards)
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Mission Bhaghirath’s greatest achievement lies in bringing substantial change in the lifestyle of rural women. The drudgery is reduced. There is more productivity, better health and inclusiveness. pic.twitter.com/zVULbLp8AO
— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) July 5, 2020
अपने कार्यकाल में उन्होंने कई बड़ी जिम्मेदारियां संभालीं जिसके लिए लोगों ने उन्हे काफी सराहा, तेलंगाना के पिछड़े जिले करीमनगर में भी वे पोस्टेड रही हैं। उन्हें खास तौर पर उनके काम-काज के लिए ही जाना जाता है। वह सरकारी योजनाओं को ईमानदारी से जनता के बीच पहुंचाने के लिए भी जानी जाती हैं।