New Delhi : झूलन गोस्वामी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सफल खिलाड़ी रहीं हैं जिन्होंने राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक कई रिकॉर्ड तोड़े और स्थापित किए। वो दुनिया भर में बॉल गर्ल के नाम से जानी जाती हैं कारण ये है कि अपने क्रिकेट करियर में झूलन ने अपनी फास्ट बॉलिंग के दम पर इतने विकेट झटके कि उनके नाम सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली महिला बॉलर का रिकार्ड स्थापित हो गया। जिसे अभी तक कोई तोड़ नहीं पाया है। झूलन एक सफल क्रिकेटर रहीं हैं उन्हें क्रिकेट खेलता देख कोई भी कह देता था कि झूलन को बचपन से ही प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी गई होगी। लेकिन सच्चाई इसके उलट है यहां तक कि झूलन के परिवार वाले भी नहीं चाहते थेे कि वो क्रिकेट खेलें।
#Mindrocks17
I am pretty aggressive on filed, I do everything with lots of passion: Jhulan Goswami
LIVE https://t.co/bmrNehayWB pic.twitter.com/7d0ACkKNOq— IndiaToday (@IndiaToday) September 16, 2017
Jhulan Goswami bowled top @SouthernStars batter Meg Lanning for a duck in the #WWC17 semi-final, a key moment in India reaching the final! #BestOf2017 pic.twitter.com/yvBQQsKuTd
— ICC (@ICC) December 26, 2017
#Watch India's Jhulan Goswami has made history. She broke a decade-long record to become the highest wicket-taker in women's ODIs! pic.twitter.com/jua0aqN5MD
— Firstpost (@firstpost) May 10, 2017
On Jhulan Goswami's birthday, take a look back at the tale that warmed hearts around the world during #WWC17. A true #SpiritofCricket story. pic.twitter.com/paXfES8kDk
— ICC (@ICC) November 25, 2017
मां-बाप का कहना था कि वो पढ़ें लिखें और शादी कर अपना घर बसाएं। लेकिन झूलन की तकदीर और उनकी मेहनत उन्हें कहीं ओर ही ले जाना चाहती थी। उनकी सफलता से प्रभावित होकर अब बॉलीवुड उन पर फिल्म भी बना रही है। जिसमें अनुष्का शर्मा उनका किरदार निभाएंगी।
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एक छोटे और अविकसित गांव में 25 नवंबर 1982 को झूलन का जन्म हुआ। झूलन का बचपन गांव के परिवेश में बीता। गांव के ही सरकारी स्कूल में वो पढ़ती थीं। पश्चिम बंगाल जहां फुटबॉल का खुमार काफी पहले से रहा है, इसका असर झूलन पर पड़ा वो जब 7-8 साल की थीं तो फुटबॉल खेला करती थीं। जब फुटबॉल नहीं मिलती तो वो बेट लेकर क्रिकेट खेलने थीं। जहां उस समय उनके उम्र की लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेला करते थे वहीं झूलन मैदान में उतर कर लड़कों को खेलने के लिए चुनौती देती थीं। धीरे धीरे उन्हें क्रिकेट खेलने में मजा आने लगा। लड़कियां क्रिकेट खेलती नहीं थीं तो उन्हें लड़कों के साथ ही खेलना पड़ता था। कई बार लड़के उन्हें खिलाने से मना कर देते थे। जब वो बॉल ठीक से नहीं डाल पाती थीं तो लड़के उसका मजाक भी उड़ाते थे। ये बात झूलन को चुभ गई और अपनी बेटिंग के साथ ही उसने अपनी बॉलिंग को निखारने के लिए दिन रात मेहनत की। तब उनकी उम्र 12-13 साल रही होगी।
झूलन ने क्रिकेट की इतनी प्रेक्टिस की कि अब उन्हें फुटबॉल से ज्यादा क्रिकेट खेलना अच्छा लगने लगा। उनके क्रिकेट खेलने की चर्चा पूरे गांव भर में होती। इसी दौरान 1997 में भारत में ही वर्ल्ड कप हुआ इसे वो बड़े चाव से देखती थीं यहां से ही प्रभावित होकर अब झूलन ने क्रिकेट में ही अपना करियर बनाने की ठान ली। टीवी पर खिलाड़ियों को खेलता देख वो कहती एक दिन मैं भी टीवी पर खेलती दिखूंगी। अपने इस सपने के लिए झूलन ने अपने आप को समर्पित कर दिया। अपने परिवार वालों को झूलन ने अपनी मेहनत के दम पर मना लिया। लेकिन उनके गांव तो क्या पूरे जिले भर में कोई क्रिकेट की कोचिंग देने वाला या क्रिकेट एकेडमी नहीं थी। इसके लिए उन्हें अपने गांव से 80 किमी. दूर कोलकाता में ट्रेनिंग लेने जाना पड़ता था। वे रोजाना सुबह 4.30 बजे उठकर 80 किमी का सफर लोकल ट्रेन से तय करती थीं। वहीं प्रैक्टिस करतीं। कई बार ट्रेन छूट जाती तो अपने गांव के मैदान पर ही अकेले प्रैक्टिस करतीं।
🔹 International appearances ➜ 260
🔹 Wickets ➜ 321Leading wicket-taker in women's ODIs 🔝
The only woman to cross 200 wickets in ODIs 💯💯
ICC Women's Player of the Year 2007 🎖️Happy birthday to India pacer Jhulan Goswami 🎂 pic.twitter.com/4QID1XceH0
— ICC (@ICC) November 25, 2019
The record women's ODI wicket-taker Jhulan Goswami proved she's still got it in the #WWC17 Final, with an impressive 3/23 including 2 in 2! pic.twitter.com/NRx0Xh08x9
— ICC (@ICC) July 25, 2017
Jhulan Goswami and Mithali Raj have inspired a new generation of Indian cricketers who are as good as any in the world, feels @bhogleharsha pic.twitter.com/sw3tdWYiIx
— Cricbuzz (@cricbuzz) February 15, 2018
उनकी लंबी हाइट और अच्छी बॉलिंग होने के कारण उनके कोच ने उन्हें बॉलर बनने को कहा। यहां से ट्रेनिंग के बाद वो लगातार आगे बढ़ीं। 19 साल की उम्र में पहली बार 2006 में झूलन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। इसमें उन्हें इंगलेंड के खिलाफ वनडे के लिए खेलने का मौका मिला। इसी साल उन्हें टी-20 के लिए चुना गया। इसके बाद उन्होंने मुड़ कर नहीं देखा और एक से एक बड़े रिकॉर्ड तोड़े और स्थापित किए। झूलन 2018 में श्रीलंका के खिलाफ मैच में 2 विकेट लेकर झूलन गोस्वामी 300 विकेट लेने वाली दुनिया की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। झूलन ने 170 वनडे मैचों में 205 विकेट हासिल किये। इसके अलावा उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में 40 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। साल 2018 में उन्होंने टी-20 और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया।