New Delhi : बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने साफ कह दिया है कि जब तक लॉकडाउन के नियमों में संशोधन नहीं होगा दूसरे राज्यों से बिहार के लोगों को बुलाना संभव नहीं है। CM Nitish ने कहा है कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार का जो भी निर्णय होगा, उसका हम लोग पालन करेंगे। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने ये बातें कहीं। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों को बिना क्वारनटाइन किए हुए गांवों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है।
Large no.of students from Bihar study in Kota. We're following lockdown as per guidelines of centre. It's not possible to bring back anyone until some amendments are made in guidelines. Central govt should issue required guidelines: Bihar CMO on CM's video-conferencing with PM pic.twitter.com/mp2KMSvy2i
— ANI (@ANI) April 27, 2020
विभाग ने कहा है कि दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे लोगों को हर हाल में समीप के क्वारनटाइन कैंप में ही रखवाने की व्यवस्था वहां की ग्राम पंचायतों द्वारा कराई जाये। किसी भी परिस्थिति में क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के पहले किसी को गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाय। विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलों के पंचायती राज पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है।
इधर हरियाणा में Up के रहने वाले कामगारों को रोडवेज बस से उनके जिलों में पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है। अब तक 365 रोडवेज बसों से कामगारों को उनके गृह जनपद के लिए रवाना किया जा चुका है। सोमवार की सुबह नौ बसों का पहला बेड़ा गोरखपुर पहुंचा। यहां कुल 40 बसें आनी हैं। यहां आने वाले मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। मजदूरों को यहां से उनके तहसील मुख्यालयों पर भेजा जा रहा है। 34 दिन तक दूसरे प्रदेश में फंसे होने के बाद अपने शहर पहुंचने के बाद इनके चेहरे पर हंसी है। हर कोई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कर रहा है। 10 हजार श्रमिकों को लाने के लिए 400 बसों की व्यवस्था की गई है। इन श्रमिकों को हरियाणा की रोडवेज बसें हरियाणा की सीमा से लगे शामली, बागपत, मथुरा, अलीगढ़ और सहारनपुर जिलों की सीमाओं तक लाईं। वहां इन श्रमिकों की स्क्रीनिंग के लिए पहले से ही डॉक्टरों की टीमें मौजूद थीं। वहां उनकी पूरी जांच के बाद ही यूपी रोडवेज की बसों में बिठाया गया।
इसके साथ ही जिन जिलों में श्रमिकों को भेजा जा रहा है। गृह जिले में पहुंचकर भी वहां का प्रशासन इन श्रमिकों की एक बार से स्क्रीनिंग करा रहा है। उसके बाद ही उन्हें घर भेज रहा है। कामगारों को हिदायत दी जा रही है कि वे 14 दिन तक अपने घर में ही क्वारंटाइन रहें। शनिवार को हरियाणा रोडवेज की बसों ने शनिवार को अपनी 82 बसें लगाकर हरियाणा राज्य के आसपास के यूपी के 16 जिलों में 2,224 मजदूरों को उनके जिलों में पहुंचाया था। वहां के जिला प्रशासन ने स्क्रीनिंग कर उन श्रमिकों को उनके घर भेजा था।