New Delhi : पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर डेढ़ महीने से चली आ रही तनातनी सोमवार रात हिंसक झड़प में बदल गई। दोनों देशों के बीच बातचीत और सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के बीच ड्रैगन की आक्रामकता ने रिश्तों को पिछले 45 साल के सबसे बुरे दौर में पहुंचा दिया है। हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं तो चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। चीन मारे गए सैनिकों की संख्या तक नहीं बता पा रहा है। हालांकि, इंटसेप्ट से मिली जानकारी के मुताबिक चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं।
Indian, Chinese troops disengage in Galwan area after violent face-off
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— ANI Digital (@ani_digital) June 16, 2020
आइए हम आपको बताते हैं कि हिंसक झड़प की शुरुआत कैसे हुई। पहला वार चीनी सैनिकों ने किया लेकिन यह दांव उन्हें उल्टा पड़ गया। भारतीय जांबाजों ने चीन के दर्जनों सैनिक बिछा डाले। लाठी-डंडो और पत्थरों से हुए इस संघर्ष में ड्रैगन के सैनिक धूल चाटने लगे।
असल में भारत-चीन सैन्य और राजनयिक स्तर पर हुई बातचीत और सहमित के मुताबिक 16 बिहार रेजिमेंट को पट्रोलिंग पॉइंट 14 से चीनी सैनिकों के पीछे हटने का इंतजार था। शाम को भारतीय सैनिक यह देखने गए कि चीनी सैनिक वहां से हटे हैं या नहीं।
समझौते के मुताबिक, चीनी सैनिकों को 5 किलोमीटर पूर्व में पोस्ट 1 तक पीछे हटना था। सूर्यास्त होने के बाद अचानक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का एक समूह पीछे आया और भारतीय दल की अगुआई कर रहे कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू पर हमला कर दिया। चाइनीज सैनिकों ने सीओ और दो भारतीय जवानों पर लोहे के रॉड और पत्थरों से हमला कर दिया। अचानक हुए हमले में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए और जमीन पर गिर पड़े।
The fatal clash in the China-India border region on Monday is the most severe in decades, and it is a provocative military operation staged by Indian troops to capture Chinese territory and shift domestic pressure: experts https://t.co/JPXrzgbZlL pic.twitter.com/AM7U3Ivy6X
— Global Times (@globaltimesnews) June 16, 2020
इसके बाद मौके पर मौजूद भारतीय सैनिकों ने जोरदार पलटवार किया और दोनों सेना में भीषण संघर्ष हुआ। लाठी-डंडे, पत्थर चलने लगे। दोनों ओर से एक भी गोली नहीं चली, लेकिन घंटों यह हिंसक संघर्ष चलता रहा। बताया जाता है शोक नदी के किनारे आधी रात तक संघर्ष चलता रहा। इस दौरान 20 भारतीय सैनिक बुरी तरह घायल हुए। बाद में ये शहीद हो गए। उधर, चीन के भी दर्जनों सैनिक इस संघर्ष में मारे गए। बाद में चीनी पक्ष की बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया तो पता चला कि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं और घायल हुए हैं।