New Delhi : पूर्वी लद्दाख में गलवान समेत तीन जगहों से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गईं हैं। चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी गलवान इलाका, पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग इलाके से अपनी सेना और वाहनों को ढाई किलोमीटर पीछे लेकर चले गये हैं। भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों की वापसी की है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने मंगलवार 9 जून को यह जानकारी दी है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई राउंड की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद दोनों देश तनाव कम करने और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद के समाधान के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने आगे बातचीत जारी रखने को भी कहा है।
India and China disengage at multiple points in Eastern Ladakh. Troops and infantry combat vehicles moved back by 2.5 km by People’s Liberation Army in Galwan area, Patrolling Point 15 and Hot Springs area. India has also moved some of its troops back: Top Govt Sources to ANI pic.twitter.com/2wIrBm67HD
— ANI (@ANI) June 9, 2020
दोनों सेनाओं के बीच उस समय गतिरोध शुरू हुआ जब भारत ने गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के साथ-साथ पेगोंग झील के आसपास फिंगर इलाके में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू कराया। चीन ने इसका विरोध किया।
दोनों सेना के अफसरों की इस सप्ताह पेट्रोलिंग पॉइंट 14 (गलवान एरिया), पेट्रोल पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स एरिया समेत लद्दाख के कई अलग-अलग जगहों पर मीटिंग होने वाली है। सरकार के शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी है। चीन की सेना गलवान वैली, पेट्रोलिंग पॉइंट- 15 और हॉट स्प्रिंग्स एरिया से 2-2.5 किमी पीछे हट चुकी है।
चूंकि पहले चीन की सेना ने अपने कदम वापस खींचे तो भारत की सेना ने भी उन इलाकों से अपने कुछ सैनिक और वाहनों को वापस बुला लिया। तनाव के इन बिंदुओं पर दोनों तरफ से बटालियन कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है। चीन से बातचीत के लिए भारतीय सैन्य दल पहले से ही चुसुल में मौजूद हैं जो वरिष्ठ अधिकारियों की मदद कर रहे हैं।
ध्यान रहे कि कुछ जानकार लद्दाख में चीनी सेना के बहुत अंदर तक आने का दावा कर रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एचएस पनाग ने तो एक लेख लिखकर कहा है – चीनी सेना ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के अंदर 40 से 60 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। अगर यह सही है तो चीनी सेना के महज 2 से 2.5 किमी पीछे हटना शांतिपूर्वक मुद्दा सुलझाने का संकेत भर ही माना जा सकता है।
बहरहाल, लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध पर देश में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जोर पकड़ने लगा है। केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से कई गई टिप्पणी पर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब दिया तो बदले में राहुल ने गंभीर सवाल खड़ा कर दिया। इस बर खेल मंत्री किरण रिजिजू ने उन्हें देश की सैन्य शक्ति पर संदेह करने का आरोप जड़ दिया।