गोंडा में मिली ओरिजनल अनामिका शुक्ला, बोलीं- मैं तो अभी तक बेरोजगार ही हूं, दूसरों ने मलाई काटी

New Delhi : उत्तर प्रदेश के नौ कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में जिस अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर विज्ञान शिक्षिका के पद पर दूसरी महिलाएं नौकरी कर रही थीं, वह असली अनामिका शुक्ला गोंडा की ही हैं। मीडिया रिपोर्ट‍्स में डिटेलिंग पढ़ने के बाद और उनमें दर्ज हाई स्कूल की टीसी के पते को देखकर अनामिका शुक्ला को पता चला कि प्रदेश में चल रहा मामला उन्हीं से जुड़ा हुआ है।

इसके बाद उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति से मिलकर अपने दस्तावेज पेश किये। अनामिका को देखकर बीएसए चौंक पड़े। उन्होंने निदेशालय से मिले अभिलेखों से मिलान किया और पूरी जानकारी हासिल की। प्रदेश के नौ जिलों में अनामिका शुक्ला के नाम से कस्तूरबा बालिका आवासीय स्कूलों में विज्ञान शिक्षिका के पद पर महिलाएं कार्य कर रहीं थीं।

अनामिका ने बताया कि पांच जिलों में वर्ष 2017 में उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन वह काउंसिलिंग नहीं करा पाई थीं। उन्होंने पूरी डिटेल के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति को सभी अभिलेख दिखाये। बीएसए ने हाईस्कूल, इंटर, बीएससी, बीएड व टीईटी के अभिलेख देखे और पूछताछ की। बीएसए ने बताया – असली अनामिका शुक्ला के अभिलेखों के आधार पर दूसरे लोगों ने नौकरी ली है। अनामिका अब भी बेरोजगार है, इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

अनामिका शुक्ला की मेरिट हाई थी और उन्होंने पांच जिलों सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर, लखनऊ में वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में विज्ञान शिक्षिका के लिए आवेदन किया था। काउंसिलिंग का समय आया तो वह उसमें शामिल नहीं हो सकीं। उस समय उन्होंने बेटी को जन्म दिया था और वर्ष 2019 में बेटे का जन्म हुआ।

उन्होंने बताया कि दो छोटे बच्चे होने के कारण नौकरी करने में असमर्थ थी। इसलिए अवसर मिलने पर भी मैं उसका लाभ नहीं उठा पाई।
आज भी मैं बेरोजगार हूं और कहीं नौकरी नहीं कर रही हूं। इस मामले के बाद मैं परेशान हूं कि आखिर मेरे शैक्षिक दस्तावेजों पर दूसरे लोगों को नौकरी कैसे मिल गई।

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