New Delhi : चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने 15 जून को हुये टकराव में चीन की क्षति की घोषणा न करने के पीछे भी भारत को नियंत्रित करने की रणनीति बताई है। कहा है – चीन भारत की राष्ट्रीयता को आहत कर ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहता जिससे भारत एलएसी पर और अधिक उंगली करे। भारतीय अधिकारी कट्टरपंथियों को संतुष्ट करने के लिये चीन के हताहतों का अनुमान लगाकर राष्ट्रवाद जगाना चाहते हैं। जैसे यह अनुमान लगा कर वे कर रहे हैं कि चीन ने भारत से अधिक सैनिकों को खो दिया है।
Indian officials want to placate nationalists by making speculations on China's casualties to satisfy Indian hardliners, such as speculating that China lost more soldiers than India: observerhttps://t.co/O59OdyWqCN pic.twitter.com/ZJYdnDcyRG
— Global Times (@globaltimesnews) June 22, 2020
ग्लोबल टाइम्स ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को कोट करते हुये लिखा है- वे यह कहकर राष्ट्रवाद को संतुष्ट कर रहे हैं कि चीन ने भारत से कम से कम दोगुनी संख्या में सैनिक गंवाये हैं। हम संख्या जारी कर ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहते जिससे एलएसी पर तनाव बढ़ता जाये। चीन भी तनाव वृद्धि से बचना चाहता है। यदि चीन 20 से कम की संख्या जारी करता है, तो भारतीय सरकार फिर से दबाव में आ जायेगी।
इधर चीन के साथ विवाद के बीच भारत अपने पुराने दोस्त रूस से ऐंटी मिसाइल सिस्टम S-400 को जल्दी से पाने की कोशिशों में जुट गया है। भारत ने रूस के साथ 2018 में 5 अरब डॉलर से ज्यादा की कीमत वाला यह समझौता किया था। कोरोना आपदा की वजह से इसे अब दिसंबर 2021 तक डिलेवरी की बात कही जा रही है। पर भारत इस सिस्टम की जल्दी से जल्दी आपूर्ति चाहता है। इन सबके बीच, भारत ने सेना को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है और तमाम रक्षा तैयारियां पूरी करने का आदेश दिया है।
The reason why China did not release casualties number is that China also wants to avoid an escalation. If China releases the number which is less than 20, the Indian govt would again come under pressure: observer https://t.co/ik664PrYLU
— Global Times (@globaltimesnews) June 22, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की आज से शुरू होने वाली तीन दिवसीय रूस की यात्रा में रूस को S-400 मिसाइल सिस्टम की जल्दी आपूर्ति के लिए आग्रह किया जाएगा। भारत ने पिछले साल ही इस सिस्टम के लिए एडवांस राशि दे भी दी है। बता दें कि चीन के भी रूस के साथ मजबूत रक्षा रिश्ते हैं। चीन पहले ही S-400 ऐंटी मिसाइल सिस्टम अपने बेड़े में शामिल कर चुका है।
भारत दो मोर्चं पर लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। तमाम पेंडिंग पड़ी खरीदारी को तेज कर दिया गया है इसके अलावा साजो-सामान के भंडार को बढ़ाया जा रहा है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रूस S-400 की खेप भारत के साथ कुछ और देशों को भी देने वाला है। पर भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रिश्तों का हवाला देकर भारत इस ऐंटी मिसाइल सिस्टम की जल्दी आपूर्ति के लिए दबाव बनाने वाला है। समझौते के दो हिस्से हैं. पहला, लड़ाकू विमान सुखोई और मिग बेड़े के कलपुर्जे जल्दी से उपलब्ध कराना और दूसरा राजनीतिक स्थिति में बदलाव के बाद भी भारत को मिलने वाली आपूर्ति बाधित नहीं होगी।
Rajnath Singh’s Russia visit: India to urge Russia to rush delivery of S-400 system – Economic Times https://t.co/njZbZb1a8r
— Russia Travel News (@russia_travels) June 22, 2020
मौजूदा समय में डिफेंस तैयारियों के लिए रूस से तुरंत मदद की जरूरत है। कोरोना महामारी के कारण रूस में होने वाली विक्ट्री डे परेड में शामिल होने जा रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हालांकि इस दौरान कोई मंत्रीस्तरीय बैठकें नहीं करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में राजनाथ के रूस जाने का प्लान बना था। सरकार का मानना था कि मौजूदा स्थिति में रूस के साथ रिश्तों में गर्मजोशी जरूरी है। चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। हाल के वर्षों में चीन ने रूस के साथ बेहतर रक्षा रिश्ते बनाए हैं और उसने उच्च स्तरीय रूसी तकनीक को हासिल किया है, खासतौर पर जेट इंजन बनाने के क्षेत्र में। दरअसल, चीन अपना डिफेंस उद्योग विकसित करने को लेकर लंबे समय से योजना बना रहा है।