New Delhi : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन सीमा से लगी 61 रणनीतिक सड़कों की 98 फीसदी कनेक्टिवटी पूरी कर ली गई है। सिर्फ दो फीसदी काम बचा है। इसके बाद भारत एलएसी पर सड़क संपर्क के मामले में चीन की बराबरी में खड़ा होगा। अरुणाचल, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड तथा सिक्किम में चीन सीमा पर कुल 61 सड़कों का निर्माण चल रहा था। इनमें अरुणाचल में 27, हिमाचल में 5, कश्मीर में 12, उत्तराखंड में 14 तथा सिक्किम की 3 सड़कें शामिल हैं। इनकी कुल लंबाई 2323.57 किलोमीटर है।
China 'diverted Galwan river to claim more territory on India border' https://t.co/GDdNTVZi07 via @MailOnline
— shirley watson (@truthsayer7777) June 21, 2020
कुछ सड़कों की एक से ज्यादा लेन बननी हैं, इसलिए कार्य थोड़ा बचा है। लेकिन, संपर्क जोड़ने के हिसाब से यह 98 फीसदी पूरी हो चुकी हैं। महज चार सड़कों को जोड़ने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 50.32 किलोमीटर सड़क का निर्माण बचा है। जैसे ही यह कार्य पूरा हो जायेगा, भारत चीन सीमा पर सौ फीसदी कनेक्टिटी हासिल कर लेगा। भारतीय सेनाओं को चीन सीमाओं तक पहुंचने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। सेनाओं के साथ-साथ उनके संसाधनों को भी पहुंचाया जा सकेगा। सड़कें बनने से सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बलों के लिए अन्य बुनियादी ढांचा भी मजबूत किया जा सकेगा।
General Zhao Zongqi, Head of Western Theatre Command of the PLA had personal ambitions to nurture & so he sent his men on a mission. He thought the Indian Army would be a walkover. Then they ran into 16 Bihar.
This is a profile of the Chinese General 😃 https://t.co/tUI23yMcwx
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) June 21, 2020
भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आये हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिये दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।