New Delhi : अपने देश में गौमूत्र और गायों के फायदों को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चलती रहती हैं। इनके फायदों पर तरह-तरह के दावों की सच्चाई पर बवाल भी होता है। एक तबका इसे बेकार की बहस भी मानता है। लेकिन सरकार मानती है कि आयुर्वेद में गोमूत्र का जो फायदा है उसका कोई सानी नहीं और भारत अगर चाहे तो इस दिशा में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना सकता है। इसी कोशिशों में केंद्र सरकार ने 2019 में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन किया था कि देश में कुछ नया हो और देश का नाम हो। अब राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने गोसत्व कवच जारी कर इतिहास रच दिया है। यही नहीं आयोग ने कुछ ऐसा दावा किया है जो बेहद चौंकानेवाला है।
#WATCH: Cow dung will protect everyone, it is anti-radiation… It's scientifically proven…This is a radiation chip that can be used in mobile phones to reduce radiation. It'll be safeguard against diseases: Rashtriya Kamdhenu Aayog Chairman Vallabhbhai Kathiria (12.10.2020) pic.twitter.com/bgr9WZPUxK
— ANI (@ANI) October 13, 2020
जी हां, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि गाय के गोबर से मोबाइल चिप बनाने को प्रोत्साहित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह साइंटिफिकली प्रूव्ड हो चुका है कि गोबर से जो मोबाइल चिप बनते हैं वे रेडियेशन रोक सकते हैं। ऐसे में इन चिप का इस्तेमाल मोबाइल में होना ही चाहिये। उन्होंने सोमवार 12 अक्टूबर को कामधेनु दीपावली राष्ट्रीय अभियान के दौरान गाय के गोबर से बनी एक चिप का अनावरण किया। इस चिप को गौसत्व कवच का नाम दिया गया है। गौसत्व कवच को गुजरात के राजकोट स्थित श्रीजी गौशाला द्वारा निर्मित किया गया है। चेयरमैन ने कहा कि यह चिप मोबाइल हैंडसेट से निकलने वाले रेडिएशन को काफी कम कर देता है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि अगर लोगों को बीमारियों से बचाना है तो इस तरह का उपाय करना ही होगा। यह बात तो साबित हो गई है कि गाय का गोबर रेडियेशन से हमारी रक्षा कर सकता है। मोबाइल कंपनियों को इस दिशा में काम करना चाहिये। हमने जो चिप तैयार किया है वो आनेवाले समय में लोगों के लिये वरदान साबित होगी।