New Delhi : लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने अपने स्थान से पीछे हटना शुरू कर दिया है। भारतीय सेना भी अपने स्थान से पीछे हटी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है – 48 घंटों तक चली गहन कूटनीतिक चर्चा, सैन्य जुड़ाव और संपर्क के चलते चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार हुए हैं। इन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह यात्रा हुई, जिससे चीन को एक निर्णायक और दृढ़ संदेश गया।
The disengagement of Indian & Chinese troops in Galwan, Ladakh has begun. This is a result of intense diplomatic, military engagement & contacts in the past 48 hours. Details are awaited. These meetings followed PM Modi's visit to Leh where a decisive & firm message was sent out.
— ANI (@ANI) July 6, 2020
दोनों देशों के बीच आपसी सहमति के बाद पूर्वी लद्दाख के चार प्वाइंट्स, जिनमें पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 गलवान घाटी, पेट्रोलिंग प्वाइंट 15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर क्षेत्र से चीनी सेना पीछे हटी है। सीमा विवाद को लेकर कोर कमांडर स्तर की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुरूप चीनी सेना ने विवाद वाले क्षेत्र से टेंट, वाहनों और सैनिकों को 1-2 किलोमीटर पीछे कर लिया है। चीनी भारी बख्तरबंद वाहन अभी भी गलवां नदी क्षेत्र के गहराई वाले इलाके में मौजूद हैं। हालांकि, भारतीय सेना सतर्कता के साथ स्थिति की निगरानी कर रही है।
भारतीय सेना भी थोड़ा पीछे हटी है। वहीं, चीनी सैनिकों की इस स्थिति को लेकर भारतीय सेना की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के जिम्मेदार रुख और संदेश को विश्व स्तर पर मान्यता मिली हुई है। बीजिंग में भारत-चीन संबंधों के जानकारों की भी यही राय है कि वर्तमान सीमा विवाद को हल किया जाना चाहिये। भारत ने बीजिंग को एक निर्णायक संदेश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा उसके लिये सर्वोपरि है।
Chinese heavy armoured vehicles still present in depth areas in Galwan river area. Indian army monitoring the situation with caution: Indian Army Sources https://t.co/GbGnoAy4K4
— ANI (@ANI) July 6, 2020
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजील डोभाल और चीन के विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुये हैं कि दोनों देशों को भारत-चीन सीमा पर शांति को बढ़ावा देना चाहिये और द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ाना चाहिये। साथ ही दोनों देशों को मतभेदों को विवाद के रूप देने से बचना चाहिये। विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है।
मंत्रालय ने बताया – इस तरह चीनी सेना ने एलएसी के पास तैनात अपने जवानों को पीछे भेज दिया और सीमा पर शांति स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी ले आई। इस संबंध में, वे आगे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर चल रही प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करना चाहिये। दोनों पक्षों को कई स्तरों पर सेनाओं को पीछे भेजना चाहिये।
India's responsible stance & message at LAC has been globally recognised.Those invested in India-China relationship in Beijing are also of the opinion that the present stand-off should be resolved. India has sent out a decisive message that national security is paramount: Sources
— ANI (@ANI) July 6, 2020
विदेश मंत्रालय ने कहा – उन्होंने फिर से पुष्टि की कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का पूरी निष्ठा से सम्मान करना चाहिये और निरीक्षण करना चाहिये। साथ ही यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिये।